घाटे के चलते हर हफ्ते 2000 उड़ानें हुईं रद्द

feature-image

Play all audios:

Loading...

Hindi NewsIndia Newsघाटे के चलते हर हफ्ते 2000 उड़ानें हुईं रद्द तेल की बढ़ी कीमतों और यात्रियों की कमी की वजह से लगातार घाटे से जूझ रही घरेलू एयरलाइंस को इससे बचने के लिए अपनी उड़ानों की


संख्या में कटौती करनी पड़ी। आंकड़ों के मुताबिक घरेलू एयरलाइनों ने जुलाई माह... Sunil Kumar Sirij Sun, 15 March 2009 01:00 PM Share Follow Us on __ तेल की बढ़ी कीमतों और यात्रियों की कमी की


वजह से लगातार घाटे से जूझ रही घरेलू एयरलाइंस को इससे बचने के लिए अपनी उड़ानों की संख्या में कटौती करनी पड़ी। आंकड़ों के मुताबिक घरेलू एयरलाइनों ने जुलाई माह के दौरान प्रति सप्ताह करीब 2000


से भी ज्यादा उड़ानों की कटौती की है। यह संख्या उनके द्वारा संचालित कुल फ्लाइटों की संख्या की लगभग 15 (20 प्रतिशत) है। इस कटौती की मुख्य वजह यात्रियों की घटती संख्या को बताया जा रहा है।यदि


आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2007 में एयरलाइंस इंडस्ट्री ने 33 प्रतिशत की दर से वृद्धि की जो एक वर्ष पहले बढ़कर 41 प्रतिशत हो गई। इस वर्ष की पहली छमाही में तेजी का सपना संजोए आगे बढ़ रही


इंडस्ट्री की ग्रोथ को यात्री संख्या की दृष्टि से पिछले वर्ष के मुकाबले 7.5 प्रतिशत पर सीमित कर दिया। जून माह में यह आंकड़ा सिकुड़ कर 3.8 प्रतिशत रह गया। जानकारों के अनुसार विगत चार वर्षो में


ऐसा पहली मर्तबा हुआ है।नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक इस वर्ष मार्च में प्रति सप्ताह घरेलू उड़ानों की संख्या 10,वीकृत की गई थी, लेकिन एयरलाइनों ने जुलाई में इसे घटाकर 8,778 कर दिया।


दूसरे शब्दों में कहें तो 2,144 उड़ानें रद्द कर दी गईं। प्रत्येक सत्र के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय उड़ानों की स्वीकृति प्रदान करता है। गर्मियों का सत्र मार्च के अंतिम रविवार से शुरू होकर


अक्टूबर के अंतिम शनिवार तक चलता है। जबकि सर्दियों के लिए यह अक्टूबर के अंतिम रविवार से लेकर मार्च के अंतिम शनिवार तक चलता है।ं