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दिल्ली में कोविड-19 से संक्रमित एक और मरीज की मौत हो गई। 71 साल का यह मरीज निमोनिया, एक्यूट किडनी फेलियर और सैप्टिक शॉक से भी पीड़ित था। इससे पहले दिल्ली में कोविड-19 से पीड़ित 60 साल की एक
महिला की मौत हो चुकी है। कोविड संक्रमण से मरने वालों का यह दूसरा मामला है। Subodh Kumar Mishra लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 31 May 2025 08:10 PM Share Follow Us on __ राजधानी दिल्ली में
कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 133 नए मामले सामने आए हैं और 2 मरीजों की मौत हो गई है। वहीं, 52 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं।
इसके साथ ही सक्रिय मामलों की कुल संख्या बढ़कर 375 हो गई है। दिल्ली में कोविड-19 से संक्रमित एक और मरीज की मौत हो गई। 71 साल का यह मरीज निमोनिया, एक्यूट किडनी फेलियर और सैप्टिक शॉक से भी
पीड़ित था। इससे पहले दिल्ली में कोविड-19 से पीड़ित 60 साल की एक महिला की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मृतक महिला की उम्र 60 साल थी और वह मूलरूप से
आंतों में रुकावट की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती थीं। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की हालत पहले से ही गंभीर थी और इलाज के दौरान उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। हालांकि स्वास्थ्य
विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लोगों को अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़भाड़ से बचना जैसी सावधानियां बरतनी चाहिए। दिल्ली सरकार लगातार
स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की जा रही है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह का कहना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं, दिल्ली सरकार पूरी तरह
तैयार है। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए स्वरूप के कारण होने वाले कोविड में केवल 'वायरल बुखार' के लक्षण हैं और उन्हें एहतियाती कदम के तौर पर अस्पतालों को भेजा गया है। एम्स के मेडिसिन
विभाग के डॉक्टर नीरज निश्चल ने कहा है कि डरने की जरूरत नहीं है। अभी सर्विलांस जरूरी है। कोरोना के मरीज लक्षणों के आधार पर इलाज करा सकते हुआ। इसके लिए बेवजह एंटीबायोटिक दवाएं लेने की जरूरत
नहीं है। लक्षण गंभीर होने पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को सांस के सभी गंभीर मरीजों की कोरोना जांच करने के लिए कहा है वहीं सर्विलांस बढ़ाने के लिए फ्लू जैसे लक्षण
वाले कम से कम पांच फीसदी मरीजों की कोरोना जांच कराने के लिए कहा गया है।