छवि के दुरुपयोग को लेकर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने लगाई थी गुहार, दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा आदेश

feature-image

Play all audios:

Loading...

अनधिकृत इस्तेमाल के खिलाफ अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव को बड़ी मदद मिली है।


Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 1 June 2025 04:48 PM Share Follow Us on __ विभिन्न वेबसाइटों द्वारा एआई के जरिए नाम और छवि के अनधिकृत इस्तेमाल के खिलाफ अपने व्यक्तित्व


अधिकारों की सुरक्षा की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव को बड़ी मदद मिली है। हाईकोर्ट ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव के व्यक्तित्व


और प्रचार अधिकारों की रक्षा करने का आदेश पारित किया है। अदालत ने विभिन्न वेबसाइटों और अज्ञात संस्थाओं को किसी भी माध्यम या मंच के जरिए सद्गुरु जग्गी वासुदेव के नाम और छवि के अनधिकृत तरीके


से दुरुपयोग करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस सौरभ बनर्जी ने एकपक्षीय अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि वादी सद्गुरु का पक्ष भारी है। इसके साथ ही अदालत ने सद्गुरु के पक्ष में एक निषेधाज्ञा आदेश


पारित किया। इस फैसले को सदगुरु जग्गी वासुदेव के पक्ष में बड़ी राहत माना जा रहा है। हाल के वर्षों में इसी तरह के मामलों में अदालतों की ओर से ऐसी राहतें दी गई हैं। इन फैसलों को मशहूर हस्तियों


की छवियों की रक्षा के लिए लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों के खिलाफ वादियों के पक्ष में एक बड़ा सुरक्षा कवच माना जा रहा है। अदालत ने कहा कि किसी भी वादी के अधिकारों को तेजी से विकसित हो रही


प्रौद्योगिकी की दुनिया में महत्वहीन नहीं बनाया जा सकता है। इंटरनेट के साथ असल दुनिया समेत किसी भी सोशल प्लेटफार्म पर बौद्धिक संपदा के अधिकारों का प्रवर्तन भी प्रभावी होना चाहिए। सद्गुरु


जग्गी वासुदेव ने अदालत से विभिन्न वेबसाइटों और अज्ञात संस्थाओं से छवि को संभावित नुकसान से बचाने को लेकर गुहार लगाई गई थी। आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव की ओर से अदालत में दलील दी गई


थी कि उत्पादों को धोखाधड़ी से बेचने के लिए उनकी छवि का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उनके नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका एक उदाहरण एक किताब 'गर्भ यात्रा' है, जिसके कवर पर


जग्गी वासुदेव की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। सद्गुरु जग्गी वासुदेव नाम चर्चित और लोकप्रिय होने के कारण लोग ऐसी किताबों पर आंख मूंदकर भरोसा कर रहे हैं।