Bjp ने फिर चलवाया बुलडोजर, गरीबों को किया बेघर; aap ने याद दिलाया चुनावी वादा

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सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर लिखा- कल दिल्ली की मुख्यमंत्री ने बोला कि किसी झुग्गी बस्ती को तोड़ा नहीं जाएगा, मगर आज ही बारपुल्ला मद्रासी कैम्प को बुलडोज़रों ने उजाड़ दिया। हज़ारों लोगों के सर


से छत छीन ली। Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 1 June 2025 07:11 PM Share Follow Us on __ दिल्ली के जंगपुरा के मद्रासी कैंप में रविवार को अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी


कार्रवाई कर 300 से अधिक झुग्गियों को ध्वस्त कर दिया गया है। इस बुलडोजर एक्शन पर आप नेताओं ने हमला बोला है। सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर लिखा- कल दिल्ली की मुख्यमंत्री ने बोला कि किसी झुग्गी


बस्ती को तोड़ा नहीं जाएगा, मगर आज ही बारपुल्ला मद्रासी कैम्प को बुलडोज़रों ने उजाड़ दिया। हज़ारों लोगों के सर से छत छीन ली। आप नेता और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने एक्स पर पोस्ट लिखते हुए भाजपा


द्वारा किए गए चुनावी वादों को भी याद दिलाया। चुनाव से पहले भाजपा के नेता मद्रासी कैम्प में प्रवास करने आए। ‘जहाँ झुग्गी, वहीं मकान’ के फॉर्म भरवा के गए। जैसे ही भाजपा की सरकार आई, इन


झुग्गियों पर बुलडोज़र चला दिया। मुट्ठी- भर लोगों को मकान दिया, वो भी नरेला में। ज़्यादातर लोग सड़क पर आ गए हैं। दिल्ली के जंगपुरा में मद्रासी कैंप से मशहूर इस जगह पर अधिकतर लोग तमिलनाडू के


चेन्नई शहर से यहां पर बसे। कुछ लोगों के अनुसार यहां रहने वाले 189 लोगों को झुग्गी पुनर्वास योजना के तहत डीडीए की तरफ से एक कमरे के फ्लैट नरेला में आवंटित किए गए थे। लेकिन लोगों ने एक


निर्धारित राशि को जमा कराने के लिए कहा गया था लेकिन लोगों ने नहीं जमा कराया। मद्रासी कैंप के लोगों ने जंगपुरा व अन्य पास के इलाकों में फ्लैट देने की मांग डीडीए से की। ये भी पढ़ें:हम बकरीद के


भी पक्ष में नहीं- सनातन परंपरा की बलि प्रथा पर भी बोले बाबा बागेश्वर ये भी पढ़ें:गाजियाबाद के आश्रम में संचालिका के भाई ने साध्वी का किया रेप; 2 महिलाएं गिरफ्तार ये भी पढ़ें:गलगोटिया


यूनिवर्सिटी में फिर चल गए लात-घूंसे; छात्रों की मारपिटाई का VIDEO वायरल पीड़ित राजू ने बताया कि मेरे दादाजी वर्ष 1960 में यहां पर बसे और उसके बाद से हमारा परिवार यही पर रह रहा है। यहां पर रह


लोग कई वकीलों के पास, अन्य निजी कंपनियों में काम करते हैं। कुछ गार्ड की नौकरी करते हैं, तो कुछ ड्राइवर हैं। महिलाएं घरेलू कामकाजी सेविकाएं के तौर पर काम करती हैं। 1960 से लेकर कई सरकार


दिल्ली में आई लेकिन किसी ने भी इस स्थान पर बने हमारे मकान व जमीन को हमारे लिए नियमित नहीं किया। पीड़ित नजीर ने बताया कि प्रशासन की कार्रवाई से अब सात हजार लोग जो इन 300 से अधिक झुग्गियों में


रहते थे। वह अब बेघर हो चुके हैं। कार्रवाई के बाद देर शाम तक लोग टूटे हुई झुग्गियों के बीच से अपने जरूरी सामान को खोजते रहे। पीड़ित राजेश ने बताया कि हमें 15 दिन पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के


आदेश के तहत झुग्गियों को खाली करने का नोटिस मिला।