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70 वर्षीय भारतीय दलवीर भंडारी को सोमवार को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) का जज चुना गया है। न सिर्फ भंडारी बल्कि भारत के लिए भी यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। भंडारी दूसरी बार आईसीजे के जज
चुने गए... लाइव हिन्दुस्तान टीम। नई दिल्लीTue, 21 Nov 2017 09:33 AM Share Follow Us on __ 70 वर्षीय भारतीय दलवीर भंडारी को सोमवार को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) का जज चुना गया है। न
सिर्फ भंडारी बल्कि भारत के लिए भी यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। भंडारी दूसरी बार आईसीजे के जज चुने गए हैं और उनका मुकाबला ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से था। लेकिन ब्रिटेन ने आखिरी मौके पर
अपनी दावेदारी वापस ले ली और भंडारी को जज चुन लिया गया। दलवीर भंडारी को जनरल एसेंबली में 183 वोट्स मिले, वहीं सिक्योरिटी काउंसिल में भंडारी को 15 वोट्स मिले हैं। वर्ष 1945 में स्थापित आईसीजे
में ऐसा पहली बार हुआ जब इसमें कोई ब्रिटिश न्यायाधीश नहीं होगा। आइए आपको दलवीर भंडारी के बारे में कुछ ऐसी बातें बताते हैं जिनसे आप अभी तक अनजान हैं। जानें उनके बारे में कुछ जरूरी बातें * एक
अक्टूबर 1947 को राजस्थान के जोधपुर में जन्में दलवीर भंडारी भारत में सुप्रीम कोर्ट के जज भी रह चुके हैं। * उनके पिता और दादा राजस्थान बार एसोसिएशन के सदस्य थे। * उन्होंने जोधपुर
विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी और फिर राजस्थान हाई कोर्ट में वकालत की। * साल 1991 में भंडारी दिल्ली आ गए और यहां वकालत करने लगे। * अक्टूबर 2005 में भंडारी को बांबे हाई कोर्ट का चीफ
जस्टिस नियुक्त किया गया। * भंडारी 19 जून 2012 को पहली बार आईसीजे के सदस्य बने थे। * आईसीजे में जाने से पहले वह भारत के कोर्ट में 20 साल से ज्यादा समय तक उच्च पदों पर रह चुके हैं। * आईसीजे
जज के पहले के 11 दौर के चुनावों में भंडारी को महासभा के करीब दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिला। * वह सिक्योरिटी काउंसिल में ग्रीनवुड के मुकाबले तीन वोट से पीछे थे। * पाकिस्तान की जेल में बंद
कुलभूषण जाधव पर मई में आईसीजे ने जो फैसला दिया था, भंडारी उसका हिस्सा थे। * दिंसबर में जाधव पर अंतिम और निर्णायक फैसला आना है। * पाकिस्तान ने अपनी तरफ से एडहॉक जज वहां पर नियुक्त किया हुआ
है। * अगर भंडारी यह चुनाव हार जाते तो फिर भारत का कोई भी जज कोर्ट में मौजूद नहीं होता। * अपने जज की गैरमौजूदगी में भारत को जाधव की पैरवी करनी पड़ सकती थी।