अंतरिक्ष में बीज उगाने जैसे 7 तरह के प्रयोग, गगनयात्री शुभांशु शुक्ला करने वाले हैं कई कारनामे

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Hindi NewsIndia NewsISRO Gaganyatri Captain Shubhanshu Shukla microgravity research experiments Axiom 4 mission इसरो के गगनयात्री के लिए यह मिशन ऐतिहासिक पल है, क्योंकि यह पहली बार होगा जब


कोई भारतीय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाएगा। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय होंगे। Niteesh Kumar लाइव


हिन्दुस्तानSat, 31 May 2025 03:26 PM Share Follow Us on __ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के आगामी मिशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है।


रिपोर्ट में बताया गया कि वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण से जुड़े प्रयोग करेंगे। इसरो के आधिकारिक बयान के अनुसार, 7 माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों का चयन किया गया


है। ये विभिन्न राष्ट्रीय अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं, शैक्षणिक संस्थानों के भारतीय शोधकर्ताओं की ओर से प्रस्तावित किए गए हैं। ये प्रयोग मानव स्वास्थ्य, जीव विज्ञान, मेटरियल रिसर्च, नई


दवाओं के विकास और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे। ये भी पढ़ें:15 प्रतिशत समय तो... CDS अनिल चौहान ने बताया 'ऑपरेशन सिंदूर' का सच ये भी पढ़ें:असम में पाकिस्तान


समर्थकों की खैर नहीं, अब तक 79 गिरफ्तार; हिमंत सरमा ने बताया रिपोर्ट के मुताबिक, 8 जून को शुरू होने वाले इस मिशन में शुभांशु शुक्ला कई तरह के प्रयोग करने वाले हैं। इनमें माइक्रोएल्गी पर


अंतरिक्ष के विकिरण का असर और सलाद के बीजों का अंतरिक्ष में उगना अहम है। साथ ही, टार्डिग्रेड नाम के छोटे जीवों की अंतरिक्ष में जीवित रहने और प्रजनन की क्षमता, मांसपेशियों के विकास पर पूरकों


का प्रभाव और खाद्य फसलों के बीजों की वृद्धि का भी आकलन किया जाएगा। इन सारे प्रयोगों में आईएसएस की सुविधाओं का इस्तेमाल होगा और इन्हें सख्त जांच के बाद ही वहां ले जाया जाएगा। इसरो के लिए


कितना खास है मिशन इसरो के लिए यह मिशन बहुत खास है, क्योंकि पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर जाएगा। शुभांशु शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय


होंगे। इस मिशन में यूरोप के स्लावोस उज़्नांस्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के तिबोर कपु भी शामिल होंगे। मिशन की कमान पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन के हाथ में होगी। ग्रुप कैप्टन प्रसंथ


बालकृष्णन नायर बैकअप पायलट होंगे। ऐसे में, भारत सहित पूरी दुनिया की नजर इसरो और आईएसएस के इस मिशन पर टिकी होगी।