आपकी हिम्मत कैसे हुई? जो ऐसी याचिका दाखिल की; मर्डर के दोषी पर क्यों भड़क उठे मीलॉर्ड

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Hindi NewsIndia NewsHow dare you file this petition Supreme Court pulls up murder convict for second plea seeking time to surrender याचिकाकर्ता ने इससे पहले पॉलिसी के मुताबिक अपनी समयपूर्व


रिहाई की मांग करते हुए पहले दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका के अनुसार, उसने 14 साल से अधिक 16 साल की सजा काट ली है। Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 4 June 2025


06:46 PM Share Follow Us on __ सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हत्या के एक दोषी की उस याचिका पर कड़ी आपत्ति जताई और याचिकाकर्ता दोषी को फटकार लगाई, जिसने जेल अधिकारियों के समक्ष सरेंडर करने के


लिए तीन सप्ताह का समय विस्तार देने के लिए फिर से शीर्ष अदालत में अर्जी दायर की थी। विनोद उर्फ गांजा बनाम दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस


एसवीएन भट्टी की पीठ ने पूछा कि जब फरलो के विस्तार की मांग वाली याचिका को जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने 14 मई को ही खारिज कर दिया था, तो दोबारा ऐसी याचिका क्यों दाखिल की गई? जस्टिस


अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने सुनवाई के दौरान फटकार लगाते हुए कहा, "आपकी हिम्मत कैसे हुई... जब जस्टिस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसे खारिज कर दिया था.. अब आपने छुट्टी के दौरान इसे फिर से


दायर करने का साहस कैसे किया।" याचिकाकर्ता के वकील का क्या कहना? बार एंड बेंच रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता गांजा की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील ऋषि मल्होत्रा ​​ने कोर्ट को बताया कि उनका


मुवक्किल आत्मसमर्पण करने के लिए तीन और सप्ताह की मांग कर रहा है, जब तक कि दिल्ली हाई कोर्ट 10 जुलाई को समय से पहले रिहाई की उसकी याचिका पर फैसला नहीं कर लेता। ये भी पढ़ें:वो गुरुद्वारा है,


उसे वही रहने दो... सुप्रीम कोर्ट से वक्फ बोर्ड को लगा झटका ये भी पढ़ें:संसद के बनाए कानून को अदालत की अवमानना नहीं मान सकते, ऐसा क्यों बोला SC ये भी पढ़ें:BJP समर्थक परिवार के साथ हिंसा पर


भड़का सुप्रीम कोर्ट, TMC कार्यकर्ताओं पर ऐक्शन तुरंत सरेंडर करने का आदेश इस पर पीठ ने कहा कि चूंकि वह पहले ही सुप्रीम कोर्ट आ चुका है और उसे राहत नहीं मिल सकी है, उसका अनुरोध खारिज किया जा


चुका है, इसलिए फरलो नहीं बढ़ाया जा सकता। हालांकि, मल्होत्रा ​​ने कहा कि जस्टिस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने उसके मुवक्किल को सरेंडर करने के लिए तीन हफ्ते का वक्त दिया है। इस पर कोर्ट सहमत


नहीं हुआ तो मल्होत्रा ने कहा कि दोषी आज हर हाल में सरेंडर कर देगा लेकिन कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब गुरुवार को आदेश पारित करेगा। हालांकि, कोर्ट ने दोषी को जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर


करने का आदेश दिया।