‘सर को किसने बचाया’, अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस पर फैसला आते ही aiadmk और dmk में भिड़ंत

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Hindi NewsIndia NewsAnna University sexual assault case sentenced convict to life imprisonment AIADMK vs DMK जज ने ज्ञानशेखरन को दोषी ठहराते हुए कहा कि उसने यह दावा किया था कि वह परिवार में


कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति है। इसके आधार पर उसने अदालत से सजा में नरमी बरतने का अनुरोध किया था। हालांकि, इस बात में कोई दम नहीं दिखा। Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानMon, 2 June 2025 07:28 PM


Share Follow Us on __ चेन्नई की महिला अदालत ने यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी ज्ञानशेखरन को न्यूनतम 30 साल तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पिछले साल दिसंबर में अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में


एक छात्रा के साथ बलात्कार हुआ था। न्यायाधीश एम. राजलक्ष्मी ने 28 मई को ज्ञानशेखरन को मामले में दोषी ठहराया था। उन्होंने अभियोजन पक्ष की ओर से उसके खिलाफ साबित किए गए प्रत्येक 11 आरोपों के


संबंध में सजा सुनाई। उन्होंने कहा कि सजाएं एक साथ चलेंगी। सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के साथ आरोपी व्यक्ति के कथित संबंधों को लेकर तमिलनाडु में इस सनसनीखेज मामले के कारण राजनीतिक


विवाद पैदा हो गया। हालांकि, पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा था कि ज्ञानशेखरन द्रमुक का सदस्य नहीं था, वह केवल पार्टी के प्रति झुकाव रखता था और इसका समर्थक था। ये भी


पढ़ें:पाक बेनकाब, भारत का बजा दिया डंका; विश्व भ्रमण से लौट रहे सांसदों से मिलेंगे PM ये भी पढ़ें:शर्मिष्ठा की किडनी में पथरी है, जेल में सफाई का बुरा हाल; वकील का दावा ये भी पढ़ें:जयचंद वाले


सवाल पर तेजस्वी का जवाब, विदेश से लौट रहे सांसदों से मिलेंगे PM; टॉप5 अदालत के इस फैसले के बाद तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके और मुख्य विपक्षी दल एआईएडीएमके के बीच तीखी बहस शुरू हो गई है।


AIADMK लीडर और विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने मुख्यमंत्री स्टालिन और उनकी सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सीएम इस घटना से जुड़े एक अन्य व्यक्ति को बचाने की कोशिश कर रहे थे, जिसका FIR में


केवल सर के रूप में जिक्र है। पलानीस्वामी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि डीएमके सरकार ने दोषी ज्ञानशेखरन को बचाने के लिए कई गुप्त कदम उठाए, लेकिन एआईएडीएमके की निरंतर लड़ाई ने एक दोषी को सजा


दिलाने में सफलता हासिल की। उन्होंने एफआईआर में सर के उल्लेख पर सवाल उठाते हुए जांच की निष्पक्षता पर संदेह भी जताया। सीएम स्टालिन ने आरोपों पर क्या दिया जवाब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन


ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वे केवल महिलाओं की सुरक्षा का दिखावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला मात्र पांच महीनों में निपट गया और दोषी को कठोर सजा मिली। स्टालिन ने दावा किया कि


हाई कोर्ट ने भी जांच की प्रशंसा की है। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर इस घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। सीएम ने कहा कि कुछ संकीर्ण सोच वाले लोग एक युवती के साथ हुए अन्याय में भी


राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इस फैसले ने उनकी कोशिशों को विफल कर दिया। कैसे सामने आया यह मामला बता दें कि यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता ने पिछले साल 23 दिसंबर को


कोट्टूरपुरम के अखिल महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब वह अपने पुरुष मित्र के साथ थी, तब ज्ञानशेखरन ने उसे धमकाया और फिर उसका यौन उत्पीड़न किया। बाद में ज्ञानशेखरन


को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की प्राथमिकी तमिलनाडु पुलिस की अपराध और अपराधी निगरानी नेटवर्क व सिस्टम वेबसाइट से डाउनलोड की गई। यह मीडिया के कुछ वर्गों की ओर से प्रसारित की गई, जिससे हंगामा


मच गया। बाद में मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले की जांच एक विशेष जांच दल को सौंप दी, जिसने प्राथमिकी लीक होने की भी जांच की। एसआईटी ने फरवरी में मजिस्ट्रेट अदालत में आरोप पत्र दायर किया। इसके


बाद मामला महिला अदालत को सौंप दिया गया था।