Lok sabha election result 2019- गया कॉलेज में वोटों की गिनती आज, तैयारी पूरी

feature-image

Play all audios:

Loading...

गया लोकसभा क्षेत्र के वोटों की गिनती के लिए गया कॉलेज तैयार है। लंबे इंतजार के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार की सुबह 8 बजे से मतों की गिनती शुरू होगी। गया टाउन, शेरघाटी, बाराचट्टी, वजीरगंज,


बेलागंज... गया लोकसभा क्षेत्र के वोटों की गिनती के लिए गया कॉलेज तैयार है। लंबे इंतजार के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार की सुबह 8 बजे से मतों की गिनती शुरू होगी। गया टाउन, शेरघाटी,


बाराचट्टी, वजीरगंज, बेलागंज और बोधगया विधानसभा के वोटों की गिनती होगी। अलग-अलग हॉल में वोटों की गिनती की व्यवस्था की गई। एक हॉल में 14 टेबल पर गणना होगी।  लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक


विधानसभा के पांच बूथों की वीवीपैट मशीन के पेपर स्लिप का सत्यापन करने की व्यवस्था की गई है। गया कॉलेज के सीवी रमन भवन में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम से की गई वोटिंग के मतों


की गणना होगी। मतगणना को लेकर कई स्थानों पर बैरकेडिंग की गई है। मुख्य द्वार पर से लेकर मतगणना कक्ष के प्रवेश द्वार तक सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। तीखी धूप और गर्मी को देखकर इंतजाम किए


गए हैं। वोटों की गिनती की सूचना देने के लिए लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। कॉलेज परिसर में खाना-पानी के भी प्रबंध किए गए हैं।   पिछले 52 साल से आरक्षित गया लोकसभा सीट हमेशा से पार्टियों के लिए


विशेष रही है। सीट आरक्षित होने के बाद पहली बार 1967 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के रामधनी दास यहां के सांसद बने। लेकिन, पिछले 20 साल से इसपर मांझियों का कब्जा है। पहले 1999 में भाजपा के रामजी


मांझी, 2004 में राजद के राजेश कुमार मांझी और अब 2009 व 2014 में भाजपा के हरि मांझी यहां से सांसद हैं। कहा जाता है यहां उम्मीदवार से ज्यादा पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शायद यही वजह


रही कि यह सीट कभी किसी खास घराने या पार्टी की मोहताज नहीं रही। इस सीट पर कांग्रेस, जनसंघ, जनता दल, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, राजद और भाजपा का अलग-अलग समय पर कब्जा रहा। 17 लाख वोटर वाली इस सीट


पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मांझी समाज के लोग निभाते हैं। यह भी एक कारण है कि सभी पार्टियां इसी जाति के ईद-गिर्द उम्मीदवारों का चयन करने की कोशिश करतीं हैं।  दो पूर्व सांसदों की हुई है हत्या


गया में दो पूर्व सांसदों की हत्या चुनाव प्रचार के दौरान हो चुकी है। 15 मई 1991 को चुनाव प्रचार के दौरान कोंच थाना के कराय मोड़ के पास सांसद ईश्वर चौधरी की हत्या कर दी गई। ईश्वर चौधरी


1971,1977 और 1989 में यहां से सांसद रहे। यह वह समय था जब 12 महीने वीपी सिंह और चार महीने चन्द्रशेखर सिंह की सरकार बनी थी। वहीं 22 जनवरी 2005 को विस चुनाव प्रचार के दौरान डुमरिया के बिहुआ कला


गांव में पूर्व सांसद राजेश कुमार की हत्या कर दी गई। उस समय इसे नक्सली घटना बता कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।  वर्तमान सांसद : हरि मांझी पहले विधायक फिर सांसद बने हरि मांझी गया से सांसद


हरि मांझी पिछले दो बार से सांसद हैं। 2005 में भाजपा के टिकट पर बोधगया से विधायक बनने से पहले उन्होंने पार्टी में संगठन का काम देखा। पार्टी के संगठन का काम करते हुए उन्होंने टिकट के लिए अपनी


दावेदारी पेश की। 2009 में उन्होंने राजद के रामजी मांझी को 62, 453 वोटों से और 2014 में राजद के रामजी मांझी को 115504 वोटों से हराया।  कौन जीते कौन हारे  2014  जीते: हरि मांझी, भाजपा,     


326230 हारे : रामजी मांझी, राजद,     210726 2009 जीते : हरि मांझी, भाजपा     246255 हारे : रामजी मांझी, राजद     183802 2004  जीते:राजेश मांझी, राजद     464829 हारे: बलबीर चांद, भाजपा    


361895 1999 जीते: रामजी मांझी: बीजेपी:      319530 हारे: राजेश कुमार: राजद:     298747