
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:
झारखंड के मोस्ट वांटेड मनोज सरकार के साथ उसके गिरोह के अन्य 9 सदस्यों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के पास से सात हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें दो पिस्तौल और पांच देसी कट्टा हैं।
एक लंबे... झारखंड के मोस्ट वांटेड मनोज सरकार के साथ उसके गिरोह के अन्य 9 सदस्यों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के पास से सात हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें दो पिस्तौल और पांच देसी
कट्टा हैं। एक लंबे डबल बैरल की पिस्तौल भी है। इनके पास से पुलिस ने दो कार, 7.65 एमएम की दो पिस्टल, पांच देसी कट्टा, 7.65 एमएम की तीन जिंदा कारतूस, 3.15 एमएम की छह गोलियां व 10 मोबाइल फोन और
वाई-फाई राउटर बरामद हुआ है। दक्षिण पूर्व रेलवे में वर्चस्व कायम करना था मकसद पूछताछ में मनोज सरकार ने बताया कि वे लोग पूर्ण दक्षिण पूर्व रेलवे के हर क्षेत्र में अपना आधिपत्य कायम करना चाहते
थे। कोई भी टेंडर उनलोगों की इजाजत के बिना कोई ठेकेदार उठाता तो उसकी वे लोग हत्या कर देते हैं। इसी क्षेत्र में अपराध का बड़ा खेल शुरू होने वाला था, लेकिन सरायकेला-खरसावां पुलिस ने इस पूरे
गिरोह का पर्दाफाश कर लगातार होने वाली हत्याओं को रोक लिया। आदित्यपुर थाना परिसर में सोमवार को सरायकेला-खरसावां जिले के एसपी मो. अर्शी ने मीडिया के सामने अपराधियों को प्रस्तुत किया और साथ ही
वह हथियार भी दिखाए, जिनसे से इनलोगों ने पहले हत्या की है और बाद में सीरियल क्राइम करने वाले थे। कुणाल ने दी थी रंजीत बेंज की सुपारी एसपी ने बताया कि इनलोगों के पास से जो हथियार बरामद किए गए
हैं, उसमें एक हथियार से रंजीत बेंज की भी हत्या की गई थी। हत्या की बात आरोपियों ने स्वीकार की है। साथ ही बताया कि कुणाल शर्मा द्वारा पैसे देकर हत्या कराई गई थी। गिरोह के सरगना मनोज सरकार ने
पुलिस को बताया कि वे लोग पैसे लेकर हत्या करते हैं, चाहे इसके लिए किसी भी क्षेत्र में उनलोगों को जाना पड़े। पहले तीन पकड़ाए फिर गिरोह हत्थे चढ़ा एसपी के अनुसार, सूचना मिल रही थी कि कुछ अपराधी
जिले में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने अलग-अलग कई टीमों का गठन कर धरपकड़ के लिए अभियान शुरू किया था। रविवार शाम चौका थाना क्षेत्र स्थित हाईवे पर
चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक कार को रुकवाया। इसमें अपराधी डोमनिक सैमसंग, अधीर प्रधान दीपू ओझा मौजूद थे। तलाशी लेने पर इनके पास से हथियार भी बरामद हुआ। पूछताछ करने पर उन्होंने स्वीकार किया कि
कई आपराधिक घटनाओं को उनलोगों ने अंजाम दिया है। उनकी निशानदेही पर खरसावां क्षेत्र से दो अपराधियों की गिरफ्तारी हुई, इनके पास से भी हथियार बरामद हुआ। कड़ाई से पूछताछ करने पर इनलोगों ने बताया कि
सरायकेला में उनके गिरोह की बैठक होने वाली है, जिसमें इनामी अपराधी मनोज सरकार भी शामिल होने वाला है। इस सूचना पर पुलिस ने मनोज सरकार को भी गिरफ्तार कर लिया। मनोज सरकार से पूछताछ करने पर उसने
बताया कि उसने फरवरी 2020 में आदित्यपुर थाना क्षेत्र में जमीन कारोबारी रंजीत बेज की हत्या की थी। रंजीत हत्याकांड में प्रयुक्त पिस्तौल भी पुलिस ने मनोज सरकार के पास से बरामद कर ली है।
अंतरराज्यीय रेलवे शूटर गिरोह एसपी मो. अर्शी ने बताया मनोज सरकार के गिरोह का मुख्य उद्देश्य था बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर हावड़ा से ओडिसा के झाड़सुगुड़ा तक रेलवे में ठेकेदारी हासिल करना और
सरायकेला व जमशेदपुर में हो रहे जमीन कारोबार में वर्चस्व स्थापित करना। मनोज सरकार रेलवे ठेकेदारों को भय दिखाकर अपने पसंद के लोगों से काम करवाता है और जो ठेकेदार उसकी बात नहीं मानते या रंगदारी
नहीं देते उनकी हत्या इनके गिरोह द्वारा कर दी जाती थी। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार सदस्यों ने पहले भी कई कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। मनोज सरकार ने जहां जमीन कारोबारी रंजीत बेज की
हत्या में संलिप्तता स्वीकार की। वहीं, पिछले दिनों आरआईटी थाना क्षेत्र में रेलवे निर्माणाधीन साइट पर हुई फायरिंग और रंगदारी के उद्देश्य में हाल ही में आमदा ओपी क्षेत्र में हुई फायरिंग में भी
अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। ये हुए गिरफ्तार गिरोह का सरगना मनोज सरकार, डोमनिक सैमसंग, अधीर प्रधान, दीपू ओझा, ज्ञानी कुमार साहू, देवव्रत गोस्वामी उर्फ देबू दास, सुशांत प्रधान, संतोष बानरा,
टोटन दत्ता और विजय साहू शामिल हैं। गिरफ्तार अपराधियों में मनोज सरकार पर नोवामुंडी, डांगुवापोसी, चक्रधरपुर, जमशेदपुर के गोलमुरी, परसूडीह व सरायकेला के आदित्यपुर थाने में कई आपराधिक मामले दर्ज
हैं। वहीं, पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन ने वर्ष 2018 में सीसीए लगाया था। डोमनिक सैमसंग के विरुद्ध चक्रधरपुर, जमशेदपुर के परसूडीह, गोविंदपुर और आदित्यपुर थाने में कई मामले दर्ज हैं। अधीर
प्रधान पर खरसावां थाना, जमशेदपुर के परसूडीह, चक्रधरपुर, कुचाई व आदित्यपुर थाना में कई मामले दर्ज हैं। दीपू ओझा के खिलाफ सिदगोड़ा थाने में कई कांड दर्ज हैं। फिलहाल सभी फरार चल रहे थे। मनोज का
है बड़ा गिरोह मनोज सरकार ने परमजीत गिरोह से जुड़े गुर्गों के साथ मिलकर अखिलेश सिंह के सामानांतर गिरोह खड़ा कर लिया है। इनमें सैमसंग, अधीर, सरफुउद्दीन, आदिल, कृष्णा राव, कार्तिक मुंडा, संतोष
पाठक समेत कई शामिल हैं। इनकी योजना रेलवे ठेकेदारी, कंपनियों में ठेकेदारी, जमीन खरीद-बिक्री के कारोबार में वर्चस्व कायम करने को फायरिंग और हत्या करने की थी। शहर के बिल्डरों, व्यवसायियों और
कारोबारियों को निशाना बनाते थे, ताकि गिरोह का दहशत फैल जाए और आसानी से रंगदारी मिलने लगे। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान जब मनोज सरकार की घेराबंदी की तो पता चला कि उसने हाल में ही शादी की है।
उसके बाद पुलिस ने उसकी पत्नी को हिरासत में लिया, जिसके बाद मनोज सरकार पकड़ा गया। मनोज सरकार के गिरोह में पुलिस ने एक नेता को भी पकड़ा है, जिसका नाम ज्ञानी है वह खंडवा जिले में एक राजनीतिक दल
का पूर्व में प्रखंड पदाधिकारी हुआ करता था। उसके पास मनोज सरकार गिरोह के हथियार छिपाए जाते थे।