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नक्सलियों का गढ़ रह चुका जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर दूर अवस्थित प्रखंड मुख्यालय में मोबाइल नेटवर्क नहीं... Newswrap हिन्दुस्तान, गढ़वाMon, 11 Nov 2019 02:31 AM Share Follow Us on __
नक्सलियों का गढ़ रह चुका जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर दूर अवस्थित प्रखंड मुख्यालय में मोबाइल नेटवर्क नहीं है। उक्त कारण 31 गांवों को समेटे प्रखंड की 40 हजार की आबादी देश दुनिया से कटी है।
उधर नेटवर्क की समस्या आसन्न विधानसभा चुनाव में भी मतदान कार्यों और सूचनाओं के आदान-प्रदान में काफी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। प्रखंड अंतर्गत बनाए गए 33 बूथों में तीन सामान्य हैं। वहीं
30 अतिसंवेदशनशील बूथों के तौर पर चिन्हित किए गए हैं। नक्सलग्रस्त प्रखंड होने के कारण निष्पक्ष और शांतिपूर्वक चुनाव कराने की चुनौती स्थानीय प्रशासन और पुलिस की होगी। बताया जाता है कि सात
सालों से प्रखंड में बीएसएनएल का एकमात्र टावर बंद पड़ा है। उक्त नेटवर्क का नियमित लाभ क्षेत्र की जनता को नहीं मिल रहा। कभी चालू किया गया तब भी नेटवर्क सही तरीके से काम नहीं करता। नेटवर्क नहीं
रहने से प्रखंड कार्यालय, थाना, बैंक, विभिन्न शैक्षणिक संस्थान, वन विभाग, पोस्ट ऑफिस का काम बाधित रहता है। आलम यह है कि पीडीएस के लाभुकों को भी राशन लेने के लिए नेटवर्क क्षेत्र की खोज के लिए
तीन किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है। वहां पहुंचने के बाद नेटवर्क मिलने पर वहीं अंगूठा लगाते हैं तभी उन्हें राशन मिलता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि डिजिटल इंडिया से वे नहीं जुड़
सके हैं। स्थानीय मतदाता सुरेंद्र प्रसाद, राहुल कुमार, राम सागर यादव, अजय गुप्ता, अनिल प्रसाद, प्रियंका कुमारी सहित अन्य बताते हैं कि उनके लिए महत्वपूर्ण समस्याओं में नेटवर्क की समस्या है।
स्थानीय लोगों की मांग पर इस समस्या का समाधान नहीं कराया जा सका। बताया जाता है कि प्रखंड के रनपुरा, डोल और बिलैतीखैर में निजी कंपनी का नेटवर्क लगाया जा रहा है। उसे अबतक चालू नहीं किया जा सका
है।