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ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) के लिए एक्सेल यूटिलिटीज लॉन्च हो गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये कि आपके लिए कौन सा ITR फॉर्म सही है? चलिए इसे ऐसे समझते हैं… पिछले दिनों इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने
आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन 15 सितंबर तक बढ़ा कर सभी टैक्सपेयर्स को एक तोहफा दिया। यानी आपको अतिरिक्त 45 दिन मिल गए। इधर CBDT, जो टैक्स नियम बनाती है, ने चुपके से दो सुपरहीरो टूल लॉन्च किए
हैं। ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) के लिए एक्सेल यूटिलिटीज। मतलब अब आप ऑफलाइन फॉर्म भरकर अपलोड कर सकते हैं। गलतियां कम होंगी, सिरदर्द भी कम। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये कि आपके लिए कौन सा ITR
फॉर्म सही है?" चलिए इसे ऐसे समझते हैं... 1. ITR-1 (सहज): सीए अभिनंदन पांडेय ने बताया कि ये उनके लिए है, जिनकी सालाना आय ₹50 लाख से कम हो और कमाई सिर्फ इन जगहों से आती हो... - नौकरी या
पेंशन - एक घर का किराया - बैंक एफडी/बचत खाते का ब्याज - कृषि आय (₹5000 तक) (यानी सैलरी वाले लोगों का फेवरेट फॉर्म) 2. ITR-2: सीए अजय बगड़िया कहते हैं कि ये उनके लिए है, जो ITR-1 तो भर नहीं
सकते, लेकिन उनका कोई बिजनेस/प्रोफेशन नहीं है। जैसे... - जिनके पास एक से ज्यादा प्रॉपर्टीज हों। - जिन्होंने शेयर/म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया हो। - विदेश से आमदनी हो। (ये थोड़ा
'एडवांस्ड' कैटेगरी है) ये भी पढ़ें:ITR फाइल करने के लिए कब तक मिलेगा फॉर्म 16, नौकरीपेशा लोगों को जानना जरूरी 3. ITR-3: सीए अभिनंदन पांडेय के मतुाबिक ये पूरी तरह बिजनेस वालों के लिए
है। जो... - दुकान, कंसल्टेंसी या फ्रीलांसिंग करते हों। - जिन्हें बहीखाता (अकाउंट्स) रखना पड़ता हो। - पार्टनरशिप फर्म से इनकम आती हो। (इसमें कैलकुलेशन ज्यादा टफ होता है) 4. ITR-4 (सुगम): सीए
संतोष मिश्र के मुताबिक ये छोटे दुकानदारों/प्रोफेशनल्स का गेम-चेंजर है। सरकार ने खासतौर पर इनके लिए बनाया है ताकि काम आसान रहे। जैसे... - सालाना आय ₹50 लाख से कम - बिजनेस प्रेजम्प्टिव टैक्स
(बिना बहीखाता) से चलता हो - डॉक्टर, इंजीनियर, ट्रक मालिक या छोटे बिजनेस वाले इसका फायदा उठा सकते हैं। गलत ITR फॉर्म भरने पर क्या होगा सीए अजय बगड़िया का कहना है कि गलत फॉर्म भरने पर इनकम
टैक्स वाले आपको नोटिस भेज सकते हैं। अगर आप सिर्फ सैलरी लेते हैं तो ITR-3 में ना फंस जाएं। प्रेजम्प्टिव टैक्स वाले बिजनेसमैन ITR-4 (सुगम) से चिपके रहें।