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Hindi NewsBihar NewsSetback for Lalu yadav in Land for Job case Delhi High Court refuses to stay lower court proceedings आरजेडी चीफ लालू यादव को लैंड फॉर जॉब मामले में झटका लगा है। दिल्ली
हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील की गई थी। sandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटनाSat, 31 May 2025 02:39 PM Share Follow Us on __ दिल्ली
उच्च न्यायालय ने राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें उन्होंने 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाले से संबंधित कथित भ्रष्टाचार मामले में
निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। इस घोटाले की जांच सीबीआई ने की थी। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था
कि इस मामले में प्राथमिकी व जांच कानूनसंगत नहीं है। याचिका में तर्क दिया गया कि जब प्राथमिकी और जांच ही सही नहीं है, तो आरोपपत्र कानूनी रूप से कायम नहीं रह सकता। इस मामले में सीबीआई ने
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत पूर्व केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की पूर्व मंजूरी प्राप्त करने में विफल रही है। यह कानून की अनिवार्य आवश्यकता है। सिब्बल ने कहा सत्र
अदालत 2 जून को आरोपों पर दलीलें सुनने वाला है। सीबीआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डी. पी. सिंह ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी कानून की धारा 19 के तहत आवश्यक
मंजूरी प्राप्त कर ली गई है। ये भी पढ़ें:बढ़ेंगी लालू यादव की मुश्किलें? आचार संहिता मामले में कोर्ट से यह आदेश जारी ये भी पढ़ें:ऑपरेशन सिंदूर के लिए सेना पर गर्व है, पाक के खिलाफ ऐक्शन पर बोले
लालू यादव ये भी पढ़ें:क्रेडिट BJP लेगी, लड़ाई लालू ने लड़ी; तेजस्वी ने बताई जाति जनगणना की क्रोनोलॉजी इसके अलावा 29 मई को राउज एवेन्यू अदालत ने भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम
(आईआरसीटीसी) होटल भ्रष्टाचार मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिसमें पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव और अन्य आरोपी हैं। विशेष न्यायाधीश विशाल
गोगने की अदालत ने मामले को 23 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया है। सीबीआई की ओर से अधिवक्ताओं ने दलील दी कि लालू प्रसाद और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपतय करने के लिए पर्याप्त सामग्री है। यह मामला
उस समय से जुड़ा है जब लालू प्रसाद 2004-2009 के दौरान रेल मंत्री थे। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव के ठेके एक निजी कंपनी को
देने में भ्रष्टाचार व साजिश में शामिल थे।