चिराग पासवान आरा तो उपेंद्र कुशवाहा मुजफ्फरपुर, एनडीए में चुनावी ताकत दिखाने की वीकेंड रेस

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रविावार 8 जून को चिराग पासवान की आरा में, तो उपेंद्र कुशवाहा की मुजफ्फरपुर में रैली है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए में चुनावी ताकत दिखाने के लिए दोनों ही नेता जोर लगा रहे


हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब चंद महीनों का समय बचा है। इससे पहले सत्ताधारी एनडीए में हलचल तेज है। गठबंधन के घटक दलों लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता


अपने सहयोगियों को ताकत दिखाना शुरू कर दिया है। इस वीकेंड यानी रविवार 8 जून को एलजेपी-आर के मुखिया चिराग पासवान की आरा में रैली है। वहीं, आरएलएम चीफ उपेंद्र कुशवाहा भी इसी दिन मुजफ्फरपुर में


जनसभा करने वाले है। एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय होने से पहले इन दोनों नेताओं ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। दोनों रैलियों को सीट बंटवारे से पहले शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा


है। इससे नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खेमे में चिंता बढ़ सकती है। चिराग पासवान की आरा के रमना मैदान में रविवार 8 जून को बड़ी जनसभा है।


एलजेपी-आर के नेता इसे ऐतिहासिक बनाने की कोशिश में जुटे हैं। आसपास के कई जिलों से लोगों को इस रैली में लाने की तैयारी है। चिराग पासवान केंद्र की राजनीति छोड़ बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने का


संकेत पहले ही दे चुके हैं। एलजेपी-आर दलित केंद्रित राजनीति करती है। पार्टी के नेता चिराग को किसी आरक्षित सीट से नहीं बल्कि जनरल सीट से चुनाव लड़ने का सुझाव दे चुके हैं। ताकि यह संदेश जाए कि


वह एक वर्ग के नहीं बल्कि पूरे बिहार के नेता हैं। ये भी पढ़ें:शाहाबाद से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान? LJP नेताओं में ऑफर देने की होड़ ये भी पढ़ें:दलित बच्ची का रेप और मौत को चिराग ने


सिस्टम फेलियर बताया, नीतीश को लिखा पत्र नीतीश सरकार को घेर रहे चिराग पासवान एनडीए में होने के बावजूद चिराग पासवान नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते रहे हैं। हाल ही में दलित बच्ची की रेप


और हत्या के मामले में उन्होंने सीएम नीतीश को पत्र लिखकर राज्य की कानून व्यवस्था और पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए। उनके इस कदम से एनडीए में बेचैनी बढ़ रही है। आने वाले दिनों में चिराग


पासवान का क्या कदम उठाते हैं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। ये भी पढ़ें:जिस रेप केस पर बीजेपी प्रवक्ता ने इस्तीफा दिया, कुशवाहा ने उसी पर ट्वीट कर दिया उपेंद्र कुशवाहा का मुजफ्फरपुर में


कार्यक्रम दूसरी ओर, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा 8 जून रविवार को मुजफ्फरपुर में बड़ा कार्यक्रम करने जा रहे हैं। क्लब मैदान में रैली के दौरान वे परिसीमन सुधार की


मांग करते हुए तिरहुत, दरभंगा और सारण प्रमंडल क्षेत्र के लिए चार प्रचार रथों को रवाना करेंगे। इसमें 13 जिलों से कार्यकर्ताओं को बुलाया जा रहा है। रविवार को चिराग पासवान के साथ ही उपेंद्र


कुशवाहा की रैली पर भी निगाहें रहेंगी। ये भी पढ़ें:मोदी ने नाम नहीं लिया, नीतीश ने आयोग नहीं दिया; कुशवाहा की पार्टी में बेचैनी बिहार एनडीए में अभी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग का


फॉर्मूला तय नहीं हुआ है। चर्चा के मुताबिक बिहार एनडीए के दोनों बड़े पार्टनर जेडीयू और बीजेपी कम से कम 100-100 सीट लड़ेंगे। जेडीयू की कोशिश है कि उसे बीजेपी से भले एक लेकिन सीट ज्यादा मिले


ताकि वो राज्य में खुद को बड़ा भाई बता सके। अपुष्ट अटकलों के हिसाब से बची 40-42 सीटों में चिराग पासवान को 20-25 सीट, जीतनराम मांझी को 8-10 और कुशवाहा को 6-8 सीट की बात चल रही है। चिराग को


बांधे रखने के लिए कुछ सीट बढ़ानी पड़ी तो नुकसान मांझी और कुशवाहा की गिनती में हो सकता है। ऐसे में चिराग और कुशवाहा दोनों ही नेता अपनी पार्टी के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश में ताकत


दिखाने में जुटे हैं। इसका चुनाव पर क्या और कितना असर होगा, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।