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नए साल की शुरुआत होने ही वाली है। वर्ष 2020 वैश्विक पटल पर बड़े संघर्ष और समस्याओं का साल रहा है। ऐसे में नए साल से बहुत सी उम्मीदें हैं। ज्योतिष की दृष्टि से नया साल बहुत सी उम्मीदें और
राहत लेकर आ... नए साल की शुरुआत होने ही वाली है। वर्ष 2020 वैश्विक पटल पर बड़े संघर्ष और समस्याओं का साल रहा है। ऐसे में नए साल से बहुत सी उम्मीदें हैं। ज्योतिष की दृष्टि से नया साल बहुत सी
उम्मीदें और राहत लेकर आ रहा है। KUMBH RASHIFAL 2021: संपत्ति में विस्तार और दांपत्य सुख में वृद्धि, जानें कैसा रहेगा कुंभ के लिए नया साल वर्ष 2021 में पूरे साल शनि का संचार मकर राशि में,
राहु वृष में, केतु वृश्चिक में और बृहस्पति मार्च तक मकर में और पांच पांच से कुंभ राशि में संचार करेंगे। नए साल का आगमन कन्या लग्न और कर्क राशि में होगा। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि 2021
की वर्ष प्रवेश कुंडली में लग्नेश बुधव और चंद्रमा दोनों ही अच्छी एवं मजबूत स्थिति में होंगे। यह इस बात का संकेत है कि नया साल वैश्विक पटल पर सकारात्मक परिवर्तन और उन्नति लेकर आया। 2020 के
संकटों से राहत मिलेगी। वर्ष प्रवेश कुंडली में लग्नेश बुध की स्थिति बहुत अच्छी है, ऐसे में पूरी दुनिया में कोरोना महामारी न्यून होती चली जाएगी। कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता जनमानस को इस महामारी
के दौर से बाहर निकालने में सक्षम होगी। वर्ष प्रवेश कुंडली में मन कारक चंद्रमा का स्वराशि में होना भी बड़ा संयोग है। इससे जनमानस की मानसिक शक्ति बढ़ेगी और ये साल सभी के जीवन में आत्मविश्वास
और मानसिक शांति को बढ़ाएगा। मजबूत चंद्रमा के प्रभाव से वर्ष 2021 कोरोना के मानसिक भय से बाहर निकलकर पूरे उत्साह के साथ जीवन में आगे बढ़ाने को प्रेरित करेगा। 2021 की वर्ष प्रवेश कुंडली में
लाभ स्थान और लाभेश चंद्रमा का मजबूत होना इस बात का संकेत देता है कि आने वाला साल भारत सहित वैश्विक पटल पर आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा। कोरोना के कारण सुस्त पड़ी आर्थिक मंदी खत्म होगी और
रोजगार में वृद्धि होगी। 2021 का प्रवेश कन्या लग्न में हो रहा है और भाग्य स्थान में उच्च राशि का राहु स्थिति है, इसलिए यह साल टेक्नोलॉजी और इंटरनेट आधारित सेवाओं को बहुत आगे बढ़ाने वाला होगा।
हालांकि नए साल का आगमन राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना महामारी में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा, लेकिन अभी मार्च तक देवगुरू बृहस्पति अपनी नीच राशि में ही संचार करेंगे। लेकिन पांच
अप्रैल को बृहस्पति के नीच राशि मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते ही नया साल अपना पूर्ण प्रभाव देने लगेगा। कोरोना से बचाव और वैक्सीन की उपलब्धता तेजी से आगे बढ़ेगी।
राष्ष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे बदलाव होंगे। भारत की कुंडली के हिसाब से भी पूरे साल बृहस्पति का संचार भारत की कुंडली के कर्म स्थान में रहेगा जो आने वाले साल में देश मे नए रोजगारों को
बढ़ाएगा। वैश्विक पटल पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। बावजूद इसके 2021 की प्रवेश कुंडली में मंगल आठवें भाव में स्थित है। भारतीय पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल 2021 से हिन्दू नववर्ष का आरंभ होगा।
इस बार नए सम्वत का राजा और मंत्री दोनों पद मंगल के पास रहेंगे। ऐसे में नए साल का राजा और मंत्री मंगल होने से 2021 में प्राकृतिक घटनाएं, आंधी-तूफान, अग्नि दुर्घटनाएं सामान्य से अधिक रहेंगी।
मंगल के प्रभाव के कारण समाज में आपसी विवाद, राजनैतिक विवाद, अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद बढ़ेंगे। भारत के संवेदनशील क्षेत्रों और सीमाओं पर आतंकी गतिविधियां भी हो सकती हैं। लेकिन राजा मंगल होने
से सेना इन गतिविधियों को कुचलने में कामयाब रहेगी। _ (ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।) _