शारदीय नवरात्रि 2020: नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना लाभकारी

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17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं शारदीय नवरात्रि। हिंदू धर्म के सबसे विशेष त्योहारों में नवरात्रि भी है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। साथ ही इसके साथ जुड़ी है समृद्धि और... 17


अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं शारदीय नवरात्रि। हिंदू धर्म के सबसे विशेष त्योहारों में नवरात्रि भी है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। साथ ही इसके साथ जुड़ी है समृद्धि और संपन्नता। माता


दुर्गा के भक्त नौ दिनों के उपवास रखते हैं और देवी की अराधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाएं पूरी करती हैं। नवरात्रि के समय दुर्गा सप्तशती का 


पाठ करना लाभकारी होता है। मनुष्य का जीवन चुनौतियों से भरा होता है। खासकर गृहस्थ आश्रम में व्यक्ति के समक्ष अनगिनत समस्याएं होती हैं। कोई न कोई परेशानी सदैव बनी ही रहती है। नकारात्मक शक्तियों


से भय, कानूनी मुकदमों  में हार के डर इत्यादि से उबरने के लिए मां महाकाली के दुर्गासप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करना या सुनना चाहिए। आर्थिक समस्याओं जैसे कि बेरोजगारी, कर्ज की समस्या,


व्यापार में हानि, जीवन में अस्थिरता, स्वास्थ समस्या से उबरने के लिए मां महालक्ष्मी की पूजा और मध्यम चरित्र का पाठ करना या सुनना चाहिए। तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता, पढ़ने और परिश्रम


के बावजूद फल न मिलने से परेशान विद्यार्थियों को मां सरस्वती की पूजा अर्चना और उत्तम चरित्र का पाठ करना चाहिए। जीवन की तमाम परेशानियों से छुटकारे के लिए और शांति एवं सुख के लिए संपूर्ण दुर्गा


सप्तशती का पाठ करना या सुनना चाहिए।  नवरात्रि का त्योहार सकारात्मकता को लाने वाला और नकारात्मकता को दूर करने वाला है। व्यक्ति को अपने भीतर के अंधेरे को मिटाने के लिए मां दुर्गा की उपासना


करनी चाहिए। मां दुर्गा अपने भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करती हैं और सुख समृद्धि देती हैं। रंगों, व्यंजनों के साथ ही यह नवरात्रि सौहार्द्र और प्रेम का भी त्योहार है। सच्चे मन से मां की


पूजा करने पर मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। पूजा करते समय सभी तरीकों का ध्यान रखें और मां का ध्यान करें।