Ganesh chaturthi 2018: मोक्ष के लिए करें श्वेत गणपति की पूजा, इस दिन न देखें चंद्रमा

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कार्तिकेय के साथ प्रतियोगिता के दौरान माता पार्वती और पिता शिव के समक्ष भगवान गणेश ने वेद में लिखित यह वचन कहे, जो आज भी अति महत्वपूर्ण हैं-. पित्रोश्च पूजनं कृत्वा प्रर्कान्तिं च करोति य:।


तस्य... __ कार्तिकेय के साथ प्रतियोगिता के दौरान माता पार्वती और पिता शिव के समक्ष भगवान गणेश ने वेद में लिखित यह वचन कहे, जो आज भी अति महत्वपूर्ण हैं-. पित्रोश्च पूजनं कृत्वा प्रर्कान्तिं च


करोति य:। तस्य वै पृथ्विीजन्यफलं भवति निश्चितम॥ अर्थात जो माता-पिता की पूजा करके उनकी प्रदक्षिणा करता है, उसको पृथ्वी की परिक्रमा करने का फल मिलता है। देखा जाए तो भगवान गणेश ने माता-पिता को


सर्वोच्च सम्मान देकर सभी को बता दिया कि जीवित देवी-देवता तो हमारे माता-पिता ही हैं। उनकी पूजा असल में सभी देवी-देवताओं की पूजा है। 13 सितंबर को विनायक चतुर्थी है। इसी दिन मध्याह्न में अवतरण


हुआ था सभी देवी-देवताओं में प्रथमपूज्य विनायक का। इसे कलंक चतुर्थी और शिवा चतुर्थी भी कहा जाता है। देखा जाए तो अधिकांश मनुष्य किसी भी प्रकार का विघ्न आने से भयभीत हो उठते हैं। गणेश जी की


पूजा होने से विघ्न समाप्त हो जाता है। 12 सितंबर को अपराह्न में चतुर्थी तिथि लगेगी, जो 13 सितंबर को अपराह्न तक रहेगी। इसलिए गणेश भक्तों को 12 व 13 सितंबर को चतुर्थी तिथि तक चंद्रमा के दर्शन


से बचना होगा। नहीं बचे तो झूठा कलंक लग जाएगा, उसी तरह जैसे श्रीकृष्ण पर लगा था स्यमंतक मणि चुराने का। पर चंद्र को देख ही लिया तो इसी कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढ़ने या विद्वतजनों से सुनने पर भगवान


गणेश क्षमा कर देते हैं। इसके साथ ही हर दूज का चांद देखना भी जरूरी है, कलंक से बचने के लिए।  गणेश चतुर्थी 2018: किसी भी शुभ काम से पहले क्यों होती है गणेश पूजा, जानें पूरी कथा तरह-तरह की


मनोकामना पूरी करने के लिए विनायक कई उपाय बताते हैं। अगर आपको अपने दुश्मनों को रोकना है तो फिर गणेश भगवान के पीली कांति वाले स्वरूप का ध्यान करना होगा। किसी को अपने वश में करना है तो उनके


अरुण कांतिमय स्वरूप का मन ही मन ध्यान करें। किसी के मन में अपने लिए प्रेम पैदा करना है तो लाल रंग वाले गणेश जी का ध्यान करें। बलवान आदि होने के लिए भी इसी रूप का ध्यान करें। जिनको धन पाने की


इच्छा हो, उन्हें हरे रंग के गणेशपूजा करनी चाहिए और जिन्हें मोक्ष प्राप्त करना है, उन्हें सफेद रंग के गणपति की पूजा करनी चाहिए। लेकिन इन कार्यों में पूरी सफलता तभी मिलेगी, जब आप तीनों समय


गणपति का ध्यान और जाप करेंगे। . इस दिन मध्याह्न में गणपति पूजा में 21 मोदक अर्पण करके- ‘विघ्नानि नाशमायान्तु सर्वाणि सुरनायक। कार्यं मे सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि', मंत्र से


प्रार्थना करें। गणेश को अर्पित किया गया नैवेद्य सबसे पहले उनके सेवकों- गालव, गार्ग्य, मंगल और सुधाकर को देना चाहिए। चंद्रमा, देवाधिदेव गणेश और चतुर्थी माता को दिन में अर्घ्य अर्पित करें।


संभव हो तो रात्रि में विनायक कथा सुनें या भजन करें।