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रक्षा बंधन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद भगवान की पूजा कर उन्हें राखी भी अर्पित करें। फिर भाई को राखी बांधने के लिए एक थाली में राखी, चंदन, दीपक, हल्दी, चावल के दाने,
नारियल और मिठाई रख लें। इसके बाद भाई को सही दिशा में बिठाएं। दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें। उन्हें तिलक लगाएं, राखी बांध उनका मुंह मीठा करें। अगर बहन बड़ी है तो भाई उसके चरण स्पर्श करे और
अगर बहन छोटी है तो वह अपने भाई के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करे। इसके बाद भाई द्वारा बहन को उपहार दिये जाते हैं। दक्षिण भारत में राखी के पर्व को अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन लोग
सुबह समुद्र तटों पर यज्ञों में आहूती देकर जनेऊ धारण करते हैं। इस दिन जनेऊ धारण करने की यह परम्परा नेपाल में भी होती है। दक्षिण भारत में कई लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं। ब्राह्मणों को भोजन
कराकर रात के समय नए-नए मिष्ठानों से इस व्रत को खोला जाता हैं। इस दिन संगीत तथा लोक नृत्यों का भी आयोजन होता है। उत्तरी भारत में रक्षाबंधन का पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन बहन
भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसे मिठाई खिलाती है। भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं। इस दिन पतंगबाजी का खेल भी खेला जाता है। भारत के कई इलाके ऐसे भी हैं जहां इस दिन बच्चे कांच से बने कंचों से भी
खेला करते हैं। 19 सालों बाद रक्षा बंधन का पर्व 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन मनाया जायेगा। श्रावण मास में मनाए जाने वाले इस त्योहार को भारत के कई इलाकों में श्रावणी के नाम से भी जाना
जाता है। तो वहीं दक्षिण भारत में इस त्योहार को नारियल पूर्णिमा, पश्चिम बंगाल में गुरु महा पूर्णिमा और नेपाल में इसे जनेऊ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में
एक है रक्षा बंधन का पर्व। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।