Posh month 2019: जानिए कब से शुरू हो रहा है पौष का महीना, इस माह कौन-कौन से व्रत-त्योहार पड़ेंगे

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DECEMBER FESTIVALS: 13 दिसंबर से पौष के महीने की शुरुआत होने जा रही है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पूरे महीने किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किये जाते। लेकिन धार्मिक दृष्टि से


इस महीने का काफी महत्व माना गया है। इस महीने में भगवान सूर्यनारायण की विशेष पूजा अर्चना कर उनसे उत्तम स्वास्थ्य और मान-सम्मान की प्राप्ति की जाती है। जानिए हिंदू कैलेंडर अनुसार इस दसवें


महीने के प्रमुख त्योहारों की पूरी लिस्ट यहां… 13 दिसंबर, शुक्रवार- इस दिन से हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल का दसवां महीना पौष शुरू हो रहा है। इस दिन प्रतिपदा तिथि 9 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। 15


दिसंबर, रविवार- इस दिन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत और सौभाग्य सुंदरी व्रत पड़ रहा है। हर महीने में दो चतुर्थी पड़ती हैं। जिस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। लोग जीवन में सुख


समृद्धि के लिए इस दिन व्रत भी रखते हैं। संकष्टी के दिन चन्द्रोदय 08:35 पी एम पर होगा। तिथि का आरंभ 15 दिसंबर को सुबह 7:18 ए एम से हो जायेगा जिसकी समाप्ति 16 दिसंबर 05:34 ए एम पर होगी। 16


दिसंबर, सोमवार- इस दिन धनु संक्रांति मनाई जायेगी। इस दिन सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास का प्रारंभ हो जाता है। इस खरमास के समय किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते। 19 दिसंबर,


गुरुवार- इस दिन कालाष्टमी मनाई जायेगी। जिसे काला अष्टमी नाम से भी जाना जाता है। हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को ये त्योहार मनाया जाता है। काल भैरव के भक्ति इस दिन व्रत रख विशेष पूजा अर्चना


करते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव काल भैरव के रूप में प्रकट हुए थे। 21 दिसंबर, शनिवार- इस दिन श्रीपार्श्वनाथ जयंती मनाई जायेगी। भगवान पार्श्वनाथ जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर हैं।


तीर्थकर पार्श्वनाथ ने तीस वर्ष की आयु में घर त्याग दिया था और जैनेश्वरी दीक्षा ली थी और ब्रह्मचारी अविवाहित थे। 22 दिसंबर, रविवार- ये साल का सबसे छोटा दिन होता है। इस दिन सफला एकादशी मनाई


जायेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं और सफला एकादशी का व्रत करने पर भगवान विष्णु इच्छित कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं। 23 दिसंबर, सोमवार-


हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और सोमवार के दिन इस व्रत के आने से इसका महत्व और भी ज्यादा बड़ जाता है। किसी भी प्रदोष व्रत


में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. 24 दिसंबर, मंगलवार- हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।


मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस व्रत को रखना उत्तम माना गया है। 26 दिसंबर, गुरुवार- इस दिन पौष अमावस्या, बकुल अमावस्या, तमिल हनुमान जयंती और सूर्य ग्रहण लगेगा। ग्रहण प्रारम्भ काल – 08:17 ए एम


परमग्रास – 09:31 ए एम ग्रहण समाप्ति काल – 10:57 ए एम खण्डग्रास की अवधि – 02 घण्टे 40 मिनट्स 06 सेकण्ड्स अधिकतम परिमाण – 0.55 सूतक प्रारम्भ – 05:31 पी एम, दिसम्बर 25 सूतक समाप्त – 10:57 ए एम


27 दिसंबर, शुक्रवार- इस दिन चन्द्र दर्शन और मंडला पूजा है। अमावस्या के बाद अगले दिन चन्द्र दर्शन दिवस मनाया जाता है। इस दिन कई लोग उपवास रखते हैं। इसी के साथ सबरीमाला अयप्पा मंदिर में


मण्डला पूजा भी की जायेगी। सबरीमाला अयप्पा मन्दिर में मण्डला पूजा धनु मास के 11वें अथवा 12वें दिवस पर मनायी जाती है। 30 दिसंबर, सोमवार- इस दिन विनायक चतुर्थी है। लोग इस तिथि पर उपवास रख भगवान


गणेश को प्रसन्न करते हैं। एक माह में 2 बार गणेश चतुर्थी पड़ती हैं। 31 दिसंबर, मंगलवार- इस दिन सकन्द षष्ठी मनाई जायेगी। तमिल हिंदुओं के बीच स्कन्द एक प्रसिद्ध देवता है जिन्हें भगवान शिव और


माता पार्वती की संतान माना जाता है। भगवान स्कन्द को मुरुगन, कार्तिकेय और सुब्रहमन्य के नाम से भी जाना जाता है। 6 जनवरी, सोमवार- इस दिन पौष पुत्रदा एकादशी, तैलंग स्वामी जयन्ती, वैकुण्ठ एकादशी


और मासिक कार्तिगाई भी है। 10 जनवरी, शुक्रवार- इस दिन पौष पूर्णिमा व्रत, अन्वाधान, शाकम्भरी पूर्णिमा त्योहार हैं।