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JYESHTHA AMAVASYA 2020: ज्येष्ठ अमावस्या इस बार 22 मई को है। इस दिन वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) और शनि जयंती (Shani Jayanti) भी है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना
गया है। मान्यता है कि इस दिन पूजा, दान, जप, पितरों का तर्पण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्य और चंद्र वृषभ राशि में एक साथ विराजमान रहेंगे। अमावस्या के पश्चात चंद्र दर्शन से
शुक्ल पक्ष का आरंभ हो जाता है। जानिए ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा विधि और मुहूर्त… पूजा विधि: इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई कर लें। फिर गंगाजल युक्त पानी से स्नान कर लें। इसके
बाद सूर्यदेव का जलाभिषेक करें। कई लोग अमावस्या तिथि पर व्रत भी रखते हैं। धार्मिक तीर्थ स्थलों, पवित्र नदियों में स्नान करने की मान्यता है। यदि ऐसा संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में
गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और बहते जल में तिल डालकर प्रवाहित करें। इस दिन पीपल के पेड़ में जल से अर्घ्य दिया जाता है। अमावस्या पर शनिदेव की पूजा
भी की जाती है। पूजा के पश्चात सामर्थ्यनुसार दान-दक्षिणा अवश्य देनी चाहिये। ज्येष्ठ अमावस्या मुहूर्त: अमावस्या तिथि का प्रारंभ 21 मई की रात 9 बजकर 35 मिनट पर हो जायेगा और इसकी समाप्ति 22 मई
को 11 बजकर 8 मिनट पर होगी। व्रती 22 मई को किसी भी समय पूजा, जप, तप और दान पुण्य के काम कर सकते हैं। महत्व: इस दिन नदियों और तालाबों में स्नान करने की मान्यता है। हालांकि कोरोना संकट के चलते
नदियों में लोग स्नान के लिए नहीं जा पायेंगे। इसलिए घर पर ही रहकर ही आपको पूजा पाठ से जुड़े सारे काम करने होंगे। शनि दोष निवारण के लिए भी ये दिन खास माना गया है। उत्तर भारत में तो ज्येष्ठ
अमावस्या विशेष रूप से सौभाग्यशाली एवं पुण्य फलदायी मानी जाती है। [bc_video video_id=”5983148197001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%”
autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”] अमावस्या तिथि पर क्या करें और क्या न करें: – इस दिन गंगाजल से स्नान कर पितरों की शांति के उपाय किये जाते हैं। –
मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से पितृदोष और गृहदोष दूर हो जाते हैं। – हनुमान चालीसा का पाठ करना भी इस दिन फलदायी माना गया है। – अमावस्या तिथि पर शनिदोष से मुक्ति के उपाय भी किये जाते हैं।
– संभव हो तो इस दिन काली उड़द और लोहा भी दान करना चाहिए। – ध्यान रखें कि अमावस्या पर क्रोध व लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए। – अमावस्या पर तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। – इस दिन नशे
इत्यादि चीजों से परहेज करना चाहिए। – शारीरिक संबंध नहीं बनना चाहिए।