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बिहार की राजधानी पटना के व्यस्त इलाके कोतवाली थाने के समीप शुक्रवार (21 सितंबर) को बेखौफ अपराधियों ने एक युवक पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर हत्या कर दी। मृतक की पहचान तबरेज आलम उर्फ फिरोज के रूप
में की गई है। मृतक को पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का शूटर बताया जा रहा है, हालांकि पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। पुलिस के अनुसार, तबरेज कोतवाली थाना से कुछ ही दूरी पर अपनी कार खड़ी कर कहीं
चला गया था। लौटकर कार के पास आया तो मोटरसाइकिल सवार दो अपराधियों ने उस पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी। आनन-फानन में उसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने
उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इधर फायरिंग के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने अपराधियों को पकड़ने का प्रयास किया और उन्हें दौड़ाने लगे। लेकिन अपराधी हथियार लहराते हुए फरार हो गये। पटना के
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, तबरेज कई संगीन
मामलों का आरोपी था। सूत्रों के मुताबिक वो इस बार आने वाली विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था।
पुलिस ने इस मामले में चार लोगों पर एफआईआर दर्ज किया है। पुलिस ने ये एफआईआर मृतक की पत्नी के बयान पर दर्ज कर लिया है। आरोपियों में रुमी मल्लिक, अंजर खान, फारुख आलम और अंजर खान शामिल हैं। बता
दें कि तबरेज मूल से जहानाबाद जिले के शेख आलम चौक का रहने वाला था। फिलहाल वह फ्रेजर रोड स्थित ग्रैंड चंद्रा अपार्टमेंट में रहता था।
रिपोर्ट के मुताबिक सिवान में करीब 15 साल पहले हुए एक एनकाउंटर में तबरेज बच गया था। इस मुठभेड़ में सुल्तान मियां नाम का एक शख्स मारा गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तबरेज शहाबुद्दीन के
लिए दूसरे जिलों में जाकर वारदात को अंजाम देता था। तबरेज पर पटना, सिवान, धनबाद में हत्या, रंगदारी और जान से मारने की कोशिश के तहत कई मामले दर्ज थे।
पीडीपी चीफ ने कहा कि उनकी वापसी एक सामूहिक जिम्मेदारी है, न कि केवल सरकार की। उन्होंने सोमवार को राजभवन में उपराज्यपाल को एक पत्र सौंपा, जिसमें कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए सत्तारूढ़
सरकार द्वारा किए जा सकने वाले प्रयासों का विवरण दिया गया है।