जिस शख्स ने मनमोहन सिंह को दिखाए थे काले झंडे, 14 साल बाद राहुल गांधी का बना सलाहकार

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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप सिंह ने लेफ्ट का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वो पिछले करीब डेढ़ सालों से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ जुड़े


हुए हैं। माना जाता है कि वो राहुल गांधी के राजनीतिक सलाहकारों में शामिल हैं और उनके लिए भाषण लिखा करते हैं। राज्यों में छोट-छोटे दलों से गठबंधन में भी संदीप सिंह अहम भूमिका निभा रहे हैं।


हालांकि, उन्हें कांग्रेस पार्टी में अभी तक कोई पद नहीं दिया गया है। संदीप सिंह 2007 में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। उस वक्त वो सीपीआई एमएल की छात्र इकाई आईसा के सदस्य थे। उत्तर


प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले संदीप सिंह तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने साल 2005 में जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को काले झंडे दिखाए थे। ‘द प्रिंट’


के मुताबिक हाल के दिनों में कांग्रेस के अंदर फिर से संदीप सिंह की पूछ बढ़ी है। संदीप सिंह को कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को सहयोग करने के लिए चुना गया है। वो


प्रियंका गांधी के साथ यूपी दौरों पर देखे जा सकते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस का विरोध करने वाले संदीप सिंह राहुल गांधी से कैसे नजदीक हो गए, इसकी भनक किसी को नहीं लग पाई


लेकिन कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक संदीप सिंह 2017 में अचानक राहुल गांधी के आसपास मंडराने लगे थे। यानी करीब दो वर्षों के अंदर संदीप सिंह ने कांग्रेस में अपनी पैठ राहुल-प्रियंका तक बना ली।


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height=”100%”] मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखने वाले संदीप सिंह ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रैज्यूएशन किया है। इसके बाद उन्होंने जेएनयू के हिन्दी विभाग में नामांकन कराया। यहां वो आईसा के संपर्क


में आए। बाद में उन्होंने दर्शनशास्त्र की भी पढ़ाई की। 2005 में जब एक कार्यक्रम में पीएम मनमोहन सिंह जेएनयू पहुंचे तब संदीप सिंह ने केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों का हवाला देकर उन्हें काले


झंडे दिखाए थे। संदीप सिंह की पहचान साथियों के बीच एक कुशल वक्ता के रूप में तेजी से उभरी। इसके बाद 2007 के चुनाव में वो छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। हालंकि, जेएनयू छोड़ने के बाद उन्होंने खुद


को लेफ्ट की राजनीति से अलग कर लिया था और साल 2011 में अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के लोकपाल आंदोलन के हिस्सा बन गए थे। जब सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन किया, तब उन्होंने 2005 में पीएम को काले


झंडे दिखाने की घटना पर अफसोस जाहिर किया। संदीप सिंह की पार्टी में एंट्री भाषण लिखने के काम से हुई लेकिन जल्दी ही उन्होंने कोर कमेटी में जगह बना ली और पार्टी के रणनीतिकारों में शामिल हो गए।


2018 में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के जेएनयू महासचिव ने कांग्रेस कमेटी को पत्र लिखकर संदीप सिंह की शिकायत की थी कि वो एनएसयूआई को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बावजूद इसके उनकी पकड़ पार्टी


में मजबूत होती चली गई।