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जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक मई को शहीद हुए और पाकिस्तानी सैनिकों की बर्बरता का शिकार हुए जवान की बेटी को हिमाचल के एक दंपती ने गोद लेने का फैसला किया है। इस आईएएस-आईपीएस दंपती ने फैसला लिया
है वो शहीद जवान की बेटी 12 साल की बेटी की पढ़ाई से लेकर शादी तक का खर्च उठाएंगे, ताकि उसका भविष्य संवर सके। नायब सूबेदार परमजित सिंह के बलिदान को श्रद्धांजलि के रूप में कुल्लू के डिप्टी
कमिश्नर यूनुस खान और आईपीएस ऑफिसर पत्नी अंजुम आरा ने फैसला लिया कि वह शहीद की बेटी खुशदीप कौर की जिम्मेदारी लेंगे। द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, हिमाचल के सोलन जिले की एसपी आरा ने बताया कि
खुशदीप कौर अपने परिवार के साथ गांव में ही रहेंगी। उसका सारा खर्च यह दंपती उठाएगा और एक समयांतराल पर मुलाकात भी करता रहेगा। आरा ने कहा कि अगर वह आईएएस या आईपीएस बनना चाहती है या किसी भी अन्य
क्षेत्र में जाना चाहेगी तो हम उसकी पूरी सहायता करेंगे। यूनुस खान ने कहा कि शहीद के परिवार के दर्द को कम करना तो मुश्किल है लेकिन उनके दुख को बांट जरूर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शहीद जवान की
बेटी को अच्छी शिक्षा देकर हम एक नागरिक होने का फर्ज निभा रहे हैं। यूनुस ने कहा कि यह खुशदीप पर निर्भर करता है कि वह गांव में रहकर पढ़ाई करना चाहती है या किसी और स्कूल जाना चाहती है। उन्होंने
कहा कि वह हर फैसले में उसके साथ हैं। गौरतलब है कि 1 मई को पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) रॉकेट और मोर्टार के भारी हमलों की आड़ में जम्मू कश्मीर में निंयत्रण रेखा से पुंछ सेक्टर में
250 मीटर तक घुस आई थी। पाकिस्तानी सैनिकों ने दो जवानों के सिर काट लिये थे। शहीद जवानों में नायब सूबेदार परमजीत सिंह और हैड कांस्टेबल प्रेम सागर शामिल थे। 22 सिख इन्फेंट्री में तैनात रहे
परमजीत सिंह पंजाब के वैंपोइन गांव के निवासी थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रेम सागर बीएसएफ की 200वीं बटालियन से थे। 42 साल के सिंह के परिवार में उनकी पत्नी परमजीत कौर हैं। 45 साल
के सागर उत्तर प्रदेश के देवरिया के ताकेनपुर के रहने वाले थे। उनके परिवार में पत्नी शांति हैं।