मोटापे की वजह से बढ़ सकता है बांझपन का खतरा, जानिए क्या है वजह और उपाय

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प्रेग्नेंट महिला के लिए मोटापा कई तरह से हानिकारक होता है। अधिक वजनी महिलाओं को गर्भधारण में संतुलित वजन वाली महिलाओं के मुकाबले एक साल से अधिक का समय लग सकता है। मोटापे से पीड़ित महिलाओं


में गर्भपात की आशंका भी दोगुनी से अधिक रहती है। यहां तक कि मोटापे से बांझपन का खतरा भी बढ़ जाता है। चलिए जानते हैं मोटापा प्रेग्नेंसी को कैसे प्रभावित करता है, मोटापा बढ़ने की वजह और इस


समस्या से बचने के उपाय।


प्रेग्नेंसी को कैसे प्रभावित करता है मोटापा: अगर मोटे होने के बावजूद महिलाएं गर्भधारण कर लेती हैं तो भी शिशु की देखभाल करने में परेशानी होगी। मोटापा महिलाओं में मृत जन्म और गर्भपात की


समस्याओं को तीन गुना बढ़ा देता है। यही नहीं, गर्भपात के बाद वजनी महिलाओं को दूसरी बार गर्भ धारण बहुत मुश्किलों से हो पता है। दरअसल एक स्टडी में पाया गया है कि मोटापे की वजह से शरीर में


एंड्रोजन, इंसुलिन जैसे हार्मोन्स के बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा मोटापे की वजह से अंडोत्सर्जन और शुक्राणु के लिए नुकसानदेह प्रतिरोधी हार्मोन बनते हैं।


एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठना: ऑफिस में या अन्य किन्हीं वजहों से अगर आप एक ही जगह पर ज्यादा समय तक बैठते हैं तो यह मोटापे का कारण बन सकता है। इस वजह से भी बचपन से ही लोग मोटापे का शिकार हो


जाते हैं।


अस्थमा: हाल ही में एक अध्ययन बताता है कि अस्थमा से पीड़ित बच्चों में मोटापे का शिकार होने की संभावना अधिक रहती है, क्योंकि अपनी सेहत स्थिति के कारण वे व्यायाम करने से दूर रहते हैं और इनहेलर


के तौर पर स्टेरॉयड लेने से उनकी भूख बढ़ती जाती है।


तनाव: अगर आप तनाव में रहते हैं तो आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं। तनाव कई तरीके से वजन बढ़ाने में योगदान कर सकता है। तनाव की वजह से हमारे शरीर में कई हार्मोन पैदा होते हैं जिनमें कोर्टिसोल


भी एक है। यह हार्मोन फैट स्टोरेज और शरीर की ऊर्जा खपत प्रबंधित करने का काम करता है। कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से भूख भी बढ़ जाती है। इस वजह से मीठा और वसायुक्त भोजन खाने की इच्छा बढ़ जाती है।


इस समस्या से बचने का उपाय: मोटापा या मोटापे की वजह से होने वाली बीमारियों के रिस्क फैक्टर को कम करने के लिए आपको रोजाना कम से कम एक घंटे तक कुछ शारीरिक व्यायाम करना और अपने खानपान में


संतुलित आहार लेना जरूरी है। ज्यादा तनाव न लें और फिट एवं स्वस्थ रहने के लिए अपने व्यक्तिगत तथा प्रोफेशनल जीवन में संतुलन बनाए रखें। स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाएं। इससे न सिर्फ आपकी प्रजनन क्षमता


बढ़ेगी, बल्कि आप फिट भी रह सकती हैं।


शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाने का एक कारण यह है कि वह वनडे क्रिकेट में पहले से ही उपकप्तान हैं। भारतीय क्रिकेट 3 फॉर्मेट में 3 कप्तान नहीं चाहता। विराट कोहली की कप्तानी भी इसी


नीति के कारण गई थी।