
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:
दुनिया भर मेंं घरों, शहरों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले कूड़े-कचरे का सही तरीके से प्रबंधन नहीं हो पा रहा है, जो एक बहुत बड़ी समस्या है। इस दिशा में काम करने वाले लोगों की अभी बहुत कमी है।
यही वजह है कि इस क्षेत्र में प्रशिक्षित और अनुभवी लोगों की मांग देश-विदेश में काफी है। अगर आप में अपशिष्ट पदार्थों को फिर से उपयोग करने लायक बनाने की दिलचस्पी है तो कचरा प्रबंधन एक अच्छा
करिअर विकल्प है। यहां रोजगार के खूब अवसर हैं। कार्यक्षेत्र कचरा प्रबंधन का कार्य पर्यावरणविदों के ईद-गिर्द घूमता है। पर्यावरण सुरक्षा संबंधी कार्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न
सिद्धांतों के उपयोग से आगे बढ़ते हैं। वातावरण में व्याप्त प्रदूषण को दूर करने के लिए वैज्ञानिक कई प्रकार के शोध, सिद्धांत और विधियों को अपनाते हैं। कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया में पर्यावरणविद
का कार्य शोध से संबंधित ही होता है। इसमें प्रशासनिक, परामर्श और संरक्षण तीनों स्तर पर काम करना पड़ता है। पर्यावरण अभियंता पर्यावरण को सुधारने का कार्य करते हैं, ताकि लोगों को पीने के लिए
स्वच्छ पानी, सांस लेने के लिए शुद्ध हवा और अनाज व अन्य खाद्य पदार्थ उत्पादित करने के लिए उपजाऊ भूमि उपलब्ध हो सके। प्रशिक्षित पर्यावरण अभियंता कचरा प्रबंधन तंत्र को इस तरह डिजाइन, निर्माण और
व्यवस्थित करता है, जिससे ग्रामीण और शहरी इलाकों में रहने वाले लोग स्वस्थ जीवन जी सकें। वेतनमान पाठ्यक्रम करने के बाद शुरुआती दौर में 20 से 25 हजार रुपए तक का वेतन मिल सकता है। अनुभव बढ़ने के
साथ-साथ वेतन भी बढ़ता जाता है। इसके अलावा पर्यावरण प्रबंधन में एमटेक कर चुके छात्रों का वेतन 40 हजार रुपए से शुरू होता है। शोध और शिक्षण के क्षेत्र में जाने वाले लोगों को इससे ज्यादा वेतन
मिलता है। विदेश में नौकरी हासिल करने वालों का वेतन भी काफी आकर्षक होता है। जरूरी दक्षता पर्यावरण संबंधित मुद्दों में गहरी रुचि प्रकृति के प्रति लगाव अच्छा आइटी और दफ्तर कौशल टीम भावना से
कार्य करने का कौशल नए प्रयोग करने के लिए तैयार रहना नई सोच से समस्याओं का हल निकालना धैर्य और दृढ़ निश्चय विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी लंबे समय तक कार्य करने की क्षमता योग्यता इस
क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए कचरा प्रबंधन या पर्यावरणीय इंजीनियरिंग में स्नातक और स्नातकोत्तर होना आवश्यक है। इसके अलावा एन्वायरनमेंटल साइंस में बीएससी भी कर सकते हैं। बीएससी करने के लिए
यह जरूरी है कि उम्मीदवार ने भौतिक, रसायन और जीवविज्ञान विषयों से 12वीं कक्षा पास की हो। इसके बाद कचरा प्रबंधन या एन्वायरनमेंटल इंजीनिसरिंग में एमएससी या पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। वहीं, अगर
भौतिक, रसायन और गणित विषयों से 12वीं कक्षा पास की है तो एन्वायरनमेंटल इंजीनियरिंग में बीई कर सकते हैं। इसके अलावा एनर्जी एंड एन्वायरमेंट मैनेजमेंट में एमटेक पाठ्यक्रम भी उपलब्ध है। एमटेक
करने के लिए उम्मीदवार के पास एन्वायरमेंट में बीई या सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री होनी चाहिए। ये पाठ्यक्रम करने से इस क्षेत्र का व्यावहारिक अनुभव हासिल कर पाएगा। प्रमुख संस्थान
दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली मैसूर विश्वविद्यालय, कर्नाटक दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, दिल्ली राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि, इंदौर<br />दिल्ली,
कानपुर, खड़गपुर और मद्रास आइआइटी भारतीय पर्यावरणीय प्रबंधन संस्थान, मुंबई अंतरराष्ट्रीय कचरा प्रबंधन संस्थान, मध्य प्रदेश रोजगार के अवसर इस क्षेत्र में रोजगार की कोई कमी नहीं है। प्रोसेस
इंजीनियरिंग, पर्यावरण रसायन, वॉटर एंड सीवेज ट्रीटमेंट, कचरा छटनी प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण, वन एवं पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी योजना, उद्योग, जल स्रोत एवं कृषि के क्षेत्रों में
पेशेवरों की बहुत मांग है। इसके अलावा गैर सरकारी संस्थाओं और सरकारी विभागों में भी नौकरी के अवसर उपलब्ध होंगे। शोध से जुड़े कार्यों में भी अनुभवी लोगों की मांग बढ़ रही है। इसके अलावा कई
अंतरराष्ट्रीय विभागों और यूएनओ जैसी संस्थाओं में भी पर्यावरण विज्ञान से जुड़े प्रशिक्षित लोगों की मांग है। पर्यावरण से जुड़ी कई योजनाओं पर फ्रीलांस के रूप में काम करने का मौका मिल सकता है। ऐसे
प्रोजेक्ट्स पर काम करने की ऐवज में अच्छा-खासा वेतन भी मिलता है। इसके साथ ही कई जरूरी सुविधाएं भी दी जाती हैं। तेजी से बढ़ते औद्योगिकीकरण और शहरीकरण की वजह से कचरे की समस्या पूरी दुनिया में
गंभीर रूप ले चुकी है। इस वजह से कचरा प्रबंधन एक बेहतर करिअर विकल्प के रूप में सामने आया है। इस क्षेत्र में जाने के लिए उम्मीदवार को बारहवीं तक विज्ञान के विषयों की पढ़ाई करना आवश्यक है।
स्नातक या स्नातकोत्तर करने के बाद ही नौकरी के अवसर मिल जाते हैं। – डॉक्टर संजय सिंह बघेल, परामर्शदाता