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गायिकी के ‘रसराज’ कहे जाने वाले पंडित जसराज नहीं रहे। पंडित जसराज का अमेरिका के न्यू जर्सी में निधन हो गया है। वे 90 साल के थे। पंडित जसराज का संबंध मेवाती घराने से था। उनके जाने से
शास्त्रीय संगीत की दुनिया सहित बॉलीवुड में शोक की लहर है। पंडित जसराज अपने अनूठे गायिकी से दुनियाभर में प्रसिद्धि पाई थी। 28 जनवरी 1930 को हरियाणा के हिसार में जन्में शास्त्रीय संगीत के
प्रसिद्ध गायक पंडित जसराज का पूरा नाम Sangeet Martand Pandit Jasraj था। जानकारी के लिए बता दें कि उनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जिसे 4 पीढ़ियों तक हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत को एक से
बढ़कर एक शिल्पी देने का गौरव प्राप्त है। उनके पिता का नाम पंडित मोतीराम था। जसराज के पिता खुद भी मेवाती घराने के एक विशिष्ट संगीतज्ञ थे। अंटार्कटिका में गाने वाले अनूठे भारतीयः पंडित जसराज
की गायिकी की अपनी खास शैली थी। उम्र ढल जाने के बावजूद उनकी प्रस्तुति को देखने के लिए दुनिया कायल थी। यही वजह थी कि 82 साल की उम्र में अंटार्कटिका के दक्षिणी ध्रुव पर प्रस्तुति देकर एक नई
उपलब्धि हासिल की थी। गौरतलब है कि पंडित जसराज भारत के इकलौते गायक थे जिन्होंने सातों महाद्वीप में परफॉर्म किया था। पद्म विभूषण से सम्मानित मेवाती घराने के पंडित जसराज ने 8 जनवरी 2012 को
अंटार्कटिका तट पर ‘सी स्प्रिट’ नामक क्रूज पर प्रस्तुति दी थी। वहीं साल 2010 में पत्नी मधुरा के साथ उत्तरी ध्रुव में गायन पेश किया था। जसराज के नाम पर नासा ने रखा था ग्रह का नामः पंडित जसराज
दुनिया भर में अपनी गायिकी से प्रसिद्ध थे। अमेरिका में उन्होंने कई बार प्रस्तुतियां दी। जीवन में कई उलब्धि हासिल करने वाले पंडित जसराज को नासा ने भी खास सम्मान दिया था। साल 2019 में पंडित
जसराज के नाम पर नासा ने 13 साल पुराने खोजे गए एक ग्रह का नाम रखा। ग्रह की खोज नासा और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के वैज्ञानिकों ने मिलकर की थी। ग्रह का नाम पंडित जसराज के जन्मतिथि के उलट
रखा गया था। उनकी जन्मतिथि 28/01/1930 है और ग्रह का नंबर 300128 था। ग्रह का पूरा नाम ये था- ‘माइनर प्लेनेट’ 2006 वीपी 32 (नंबर 300128)। इस ग्रह का नामकरण करते वक्त नासा ने कहा था कि पंडित
जसराज ग्रह हमारे सौरमण्डल में गुरु और मंगल के बीच रहते हुए सूर्य की परिक्रमा कर रहा है।