
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:
त्योहार ऐसे मनाएं कि खुशियां मुसीबत न बनें क्योंकि दीवाली के समय अस्पताल में मरीजों की तादाद एकदम से बढ़ जाती है। पटाखों के चलते बढ़े रसायन युक्त धुएं, आगजनी, मिलावटी मिठाइयों व वसा युक्त
भोजन, ये सारी चीजें मिलकर अस्पतालों में भीड़ बढ़ा रही हैं। इसके अलावा शराब पीकर गाड़ी चलाने से दुर्घटनाएं भी कई गुना बढ़ जाती हैं। यह जानकारी डॉ केके अग्रवाल ने दी। वे परफेक्ट हेल्थ मेले के
समापन समारोह में बोल रहे थे। दिल्ली सरकार ने भी पटाखों से बचने की सलाह दी है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि त्यौहारों में आम तौर से लोग अस्पताल जाने से बचते हैं। लेकिन लापरवाही की वजह से त्योहारों के समय अस्पतालों में भीड़ सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा हो जाती है। दिवाली
में आश्चर्यजनक ढंग से दीए, मोमबत्ती व इलेक्ट्रिकल शार्ट सर्किट के कारण आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। अस्पतालों के इमरजंसी वार्ड में जलने के शिकार मरीजों की अच्छी खासी तादाद होती है। इसके साथ
ही बाजारों में मिलावटी मिठाइयां व पकवान व पटाखों के धुएं से लोग बीमार पड़ जाते हैं। आप की आतिशबाजी किसी की सांसों में जहर घोल कर उसका जीना मुहाल कर सकती है। अस्थामा के मरीजों का सांस लेना भी
मुश्किल हो जाता है।
कैलाश अस्पताल के डॉ. संतोष कुमार अग्रवाल ने कहा कि इन दिनों में ज्यादा मिठाइयां और तले हुए पकवान खाना, देर रात तक परिवार और दोस्तों के साथ त्योहार मनाना और पटाखों से फैलने वाला प्रदूषण और
शोर उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकते हैं जो पहले से जीवन शैली संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। इसलिए जरूरी है कि जागरूकता फैलाई जाए और सावधानियां अपनाई जाएं। शराब के सेवन में बढ़ोतरी सीधे तौर पर
सड़क दुर्घटनाओं, मोटापे, हाइपरटेंशन और दिल के रोगों में बढ़ोतरी का कारण बनती है।
दिवाली के दौरान जिन मिठाइयों का सेवन किया जाता है वे आम तौर पर वनस्पति घी से बनी होती हैं जिसमें कि काफी ज्यादा ट्रांस फैट होता है जो अच्छे कालेस्ट्राल को कम करता है और बुरे कोलेस्ट्राल को
बढ़ाता है। इसमें मौजूद चीनी की अत्यधिक मात्रा से मोटापा बढ़ता है और डायबिटीज़ के मरीजों के लिए थोड़ी सी भी मिठाई जानलेवा हो सकती है। इससे रक्तचाप बढ़ सकता है और दिल पर दबाव पड़ता है। जिन लोगों को
पहले से दिल के रोग और ब्लाकेज जैसी समस्याएं हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने या कार्डियक अरेस्ट का खतरा हो सकता है।
कार्डियक कैथलैब के एसोसिएट डायरेक्टर व प्रमुख डॉ. मनोज कुमार ने बताया,पटाखों से न सिर्फ प्रदूषण फैलता है बल्कि कई तरह की एलर्जी और सांस संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। लेकिन जिनका दिल कमजोर
है, उनके लिए यह माहौल जानलेवा भी साबित हो सकता है। पटाखे की तेज आवाज उनकी धड़कन और रक्तचाप बढ़ा सकती है, जिससे कमजोर दिल पर बोझ और बढ़ जाता है। इस वजह से सांस फूलना, सीने में दर्द व धुकधुकी
लगना आम है। इससे शरीर में तरल पदार्थ जमा हो सकते हैं और दिल का दौरा पड़ सकता है। अगर आसपास लगातार पटाखों का शोर होता रहे तो यह खतरा और भी बढ़ जाता है। दिल के मरीजों को चाहिए कि वे शोर से बचें।
इससे बचने के लिए दिल और हाइपरटेंशन के मरीज कानों में ईयर प्लग लगाएं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो विंध्यवासिनी पांडेय ने बाताया कि पटाखों के कारण हवा में सल्फरडाईआक्साइड कार्वन मोनोआक्साइड व नाइट्रोजनडाईआक्साइड सहित तमाम रासायनिक पदार्थ मरीजों की मुश्किलें तो
बढ़ाते ही हैं, स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार कर देती हैं। अधिकतर पटाखों का शोर 80 डेसीबल या उससे ज्यादा होता है। ऐसे में बहरापन या कान के पर्दे फटने की घटना भी आम तौर से देखने में आती है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया है। अंकिता, जो श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली थी, ऋषिकेश के एक रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। 18 सितंबर 2022 को
लापता होने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी और शव चीला नहर में मिला था। रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था।