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अर्द्धसैनिक बलों में कांस्टेबल के तौर पर महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा होने के बाद उन्हें अब सभी पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में लड़ाकू भूमिका में अधिकारियों के तौर पर शामिल किया जा
सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में नये नियम जारी किये थे जिनमें महिलाओं को आईटीबीपी में सीधे प्रवेश के तौर पर अधिकारी के रूप में नियुक्ति के लिए आवेदन की अनुमति दी गयी थी। यह
एकमात्र अर्द्धसैनिक बल था जो दुर्गम चीन-भारत सीमा की पहरेदारी के प्रमुख कार्य के मद्देनजर महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में शामिल होने की अनुमति नहीं देता था। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ)
कहे जाने वाले इन पांच बलों में से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसए) महिलाओं को लंबे समय से यूपीएससी के माध्यम से डायरेक्ट-एंट्री अधिकारी के तौर पर
आवेदन की अनुमति देते रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ0 और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को क्रमश: 2013 और 2014 में महिला अधिकारियों की सीधी भर्ती की अनुमति दी गयी। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस
(आईटीबीपी) को इस तरह की अनुमति देने के साथ महिलाओं से इनमें से किसी भी बल में लड़ाकू भूमिका के लिए शामिल होने की सभी पाबंदियां हटा ली गयी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले साल आईटीबीपी
मुख्यालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव भेजा था, जिसके आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में अधिसूचना जारी की थी। इस नयी भूमिका के प्रभाव में आने के बाद से महिलाएं देश के पांच अर्द्धसैनिक
बलों में से किसी में भी लड़ाकू भूमिका के लिए आवेदन कर सकती हैं।’’