चौपाल: खतरे का सामना

feature-image

Play all audios:

Loading...

पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। इनमें बीच में जिस तरह कमी आने लगी थी, उससे तो लग रहा था कि अब महामारी उतार पर है। लेकिन पिछले एक हफ्ते में इसमें फिर से


इजाफा चिंता की बात है। इसकी मुख्य वजह लोगों की लापरवाही और प्रशासनिक स्तर पर बरती जा रही ढिलाई भी है। अधिकारी और प्रशासन के बीच तालमेल की कमी से सही आंकड़े तक नहीं मिल रहे हैं और असलियत का


पता नहीं चल पाता है। अब त्योहार नजदीक आ रहे हैं। लोग घरों से बाहर निकलेंगे। वैसे भी अब एक तरह से ज्यादातर जगहों पर बंदी संबंधी प्रावधान हटाए जा चुके हैं। सिनेमाघर, जिम, तरणताल यहां तक कि


स्कूल, कालेज तक खोलने की तैयारी है। ऐसे में भीड़ बढ़ेगी। इसलिए सरकार को जागरूकता अभियान चला कर प्रत्येक क्षेत्र में आमजन को सजग करना होगा और लोगों को मास्क लगाना जीवन का अनिवार्य हिस्सा होना


होगा। यह अनूठी पहल ही कोरोना के संक्रमण को सामुदायिक स्तर पर रोक सकेगी। भारत में आर्थिक रूप से कमजोर तबका काफी बड़ा है और बड़ी आबादी झुग्गियों में रहने को मजबूर है। ऐसे में झुग्गी बस्तियों एवं


कमजोर तबके के लोगों को आर्थिक मदद भी करनी होगी, उन्हें जागरूक भी बनाना होगा। तभी हम संक्रमण की शृंखला को तोड़ पाएंगे। ’महेश आचार्य ,नागौर (राजस्थान)