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भारत के निजी क्षेत्र के दो शीर्ष बैंकों ने मगंलवार को अपने लोन बुक की हालत खराब होने के संकेत दिए हैं। दोनों निजी बैंक इस वर्ष बैड लोन के बीच आर्थिक मंदी की चुनौतियों से जूझ रहे हैं। मार्केट
वैल्यू के हिसाब से देश के तीसरे सबसे बड़े ऋणदाता ‘कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड’ ने अपने पूरे साल के लोन ग्रोथ के पूर्वानुमान में छंटनी की है। जबकि, छठे सबसे बड़े बैंक, ‘एक्सिस बैंक लिमिटेड’
ने कहा कि पेमेंट्स में देरी की वजह से उसके छोटे बिजनस और छोटे तथा मीडियम इंटरप्लाइजेज काफी दबाव में हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक एक्सिस बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ चौधरी
ने एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे पास पर्याप्त पूंजी है, लेकिन हम आर्थिक माहौल को ऊपर की बजाय नीचे जाते हुए देख रहे हैं।” [embedded content] गौरतलब है कि मंदी के दौर में 150 बिलियन डॉलर
के बैड लोन की फजीहत झेल रहे भारतीय बैंक ऋण देने की गतिविधि को बढ़ाने के लिए काफी संघर्ष कर रहे हैं। अप्रैल-जून में देश की अर्थव्यवस्था में मात्र 5 फीसदी का ही विस्तार हो पाया है, जबकि
भारतीय बैंकों में ऋण वृद्धि सितंबर के अंत में लगभग दो वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है। कोटक के संयुक्त प्रबंधन निदेशक दीपक गुप्ता ने मुंबई में आयोजित एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोटक अब
मार्च के आखिर तक क्रेडिट ग्रोथ की उम्मीद पाले हुए हैं। बैंक का कहना है कि यह क्रेडिट ग्रोथ के मामले में बैंक को कॉरपोरेट सेक्टर से कम उम्मीद है। सितंबर की तिमाही में बैंक के द्वारा दिए गए
कुल लोन में बैड लोन 2.32 प्रतिशत है, जबकि पिछले साह यह 2.15 प्रतिश था। हालांकि, एक्सिस बैंक ने अपनी बैलेंस शीट में थोड़ा सुधार दिखाया है। सितंबर के अंत तक कुल लोन के प्रतिशत के रूप में बैड
लोन 5.03% तक कम हो गया, जबकि पिछली तिमाही में 5.25% और पिछले साल इसी अवधि के दौरान 5.96% था। हालांकि, इसके बावजूद तीन महीने के लिए 30 सितंबर तक कोट का नेट प्रॉफिट 51.1% की उछाल के साथ 17.24
बिलियन रुपये हो गया। गौरतलब है कि यह पिछले 17 सालों में यह सबसे उच्चतम स्तर पर है। बैंक के लाभ का एक प्रमुख संकेतक नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पिछले वर्ष 4.19% से बढ़कर 4.61% हो गया। दोनों
बैंकों ने भविष्य में होने वाले नुकसान को पूरा करने के लिए एक तरफ पैसा लगाने की बात कही।