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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) आने वाले दिनों में प्राइवेट हाथों में चली जाएगी। हालांकि, इसके बावजूद बीपीसीएल के 7.3 करोड़ घरेलू रसोई गैस ग्राहकों को
सब्सिडी का लाभ मिलता रहेगा। दरअसल, बीपीसीएल के निजीकरण की वजह से एलपीजी सब्सिडी को लेकर सवाल उठ रहे थे। हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ये कह चुके हैं कि एलपीजी सब्सिडी में कोई
रुकावट नहीं आएगी। सरकार साल में 12 रसोई गैस सिलेंडर (14.2 किलो गैस वाले) सब्सिडी पर उपलब्ध कराती है। यह सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में दी जाती है। इस महीने प्रत्येक सिलेंडर पर 50
रुपये की सब्सिडी दी जानी है। इसे सीधे ग्राहकों के खाते में पहुंचा दिया जाएगा। अधिग्रहण के 3 साल बाद ही LPG कारोबार पर फैसला: बीपीसीएल के एलपीजी कारोबार के लिये एक अलग रणनीतिक कारोबारी इकाई
(एसबीयू) बनाने की योजना है। बीपीसीएल के नये मालिक को अधिग्रहण के तीन साल बाद ही कंपनी के एलपीजी कारोबार को अपने पास बनाये रखने अथवा बेचने का अधिकार होगा। बीपीसीएल का नया मालिक एलपीजी कारोबार
को कंपनी में ही बनाए रखना चाहेगा तो उसके बाद भी ग्राहकों को सरकारी सब्सिडी मिलती रहेगी। यदि नया मालिक एलपीजी कारोबार को रखने से मना करता है तो तीन साल बाद उसके एलपीजी ग्राहकों को अन्य दो
सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल कारपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। सरकार बेच रही पूरी हिस्सेदारी: केंद्र सरकार विनिवेश प्रक्रिया के तहत बीपीसीएल में प्रबंधन
नियंत्रण के साथ अपनी पूरी 53 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। कंपनी के नए मालिक को भारत की तेल शोधन क्षमता का 15.33 प्रतिशत और ईंधन बाजार का 22 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा।