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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे एमटेक छात्र की मौत हो गई है। कोरोना संक्रमित मरीज के प्राइमरी कांटेक्ट में आने के कारण छात्र को क्वारंटाइन सेंटर में रखा
गया था। छात्र की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। By Sumit KumarEdited By: Updated: Thu, 15 Apr 2021 12:35 PM (IST) जागरण संवाददाता, रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की में
क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे एमटेक छात्र की मौत हो गई है। कोरोना संक्रमित मरीज के प्राइमरी कांटेक्ट में आने के कारण छात्र को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। छात्र की आरटीपीसीआर रिपोर्ट
नेगेटिव आई थी। बुधवार को संस्थान के अनवरत शिक्षा केंद्र में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में एक छात्र बेहोश हालत में मिला। आनन-फानन में छात्र को संस्थान के चिकित्सालय में ले जाया गया। जहां
चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे छात्र की मौत की पुष्टि की है। निदेशक ने बताया कि छात्र 11 अप्रैल से अनवरत
शिक्षा केंद्र में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा था। छात्र की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को सिविल अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। जिसके बाद ही
छात्र के मौत की सही वजह का पता लग पाएगा। यह भी पढ़ें- हरिद्वार में हवालात में बंद युवक निकला कोरोना संक्रमित, हड़कंप अस्पताल ने बढ़ाई दवा वितरण और सैंपलिंग की टीमें रुड़की: कोविड ड्यूटी के
स्टाफ में बुधवार को और इजाफा कर दिया गया है। कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। दवा वितरण में अब एक के स्थान पर तीन टीम कर दी गई हैं। प्राइमरी कांटेक्ट
और सैंपङ्क्षलग की भी चार टीम कर दी गई हैं। वहीं सीएमओ ने पांच आयुर्वेदिक डॉक्टर भी सिविल अस्पताल रुड़की में कोविड ड्यूटी के लिए भेज दिए हैं। रुड़की में पिछले तीन दिन से कोरोना संक्रमित
मरीज बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। मंगलवार शाम को आई सूची में तो 254 कोरोना संक्रमित मरीज थे। कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय
कंसल ने कोविड ड्यूटी में लगे चिकित्सक और स्टाफ की बैठक ली। उन्होंने कहा कि जिस भी मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, उससे उसी दिन संपर्क किया जाए। यदि उसके घर पर होम आइसोलेशन की सुविधा
नहीं है तो उसे कोविड केयर सेंटर भेजा जाए। उसी दिन से उसका उपचार शुरू किया जाए। उस तक दवा पहुंचाई जाएं। किसी भी कार्य में कोई विलंब न किया जाए। प्रतिदिन का कार्य उसी दिन निपटाया जाए। मरीजों
से संपर्क बनाकर रखें। यदि किसी मरीज की हालत ठीक नहीं है तो उसे मेला अस्पताल भेंजे। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय कंसल ने बताया कि दवा वितरण में दो और टीम बढ़ा दी गई हैं। जिले से पांच
आयुर्वेदिक चिकित्सक कोविड ड्यूटी के लिए मिले हैं। विभाग हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। यह भी पढ़ें- कुंभ में तार-तार हुए Covid के नियम, तीन दिन में हर की पैड़ी पर जुटे लाखों
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