अधर्म के नाश को अवतरित होते हैं ईश्वर - god is incarnated in the destruction of iniquity - uttar pradesh sidharth nagar common man issues news

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चौखड़ा गांव में सोमवार की रात्रि को रामलीला का शुभारंभ डुमरियागंज एसडीएम त्रिभुवन की। कहा कि लोगों को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शो को अपनाकर जीवन को सफल बनाना चाहिए। By


JagranEdited By: Updated: Tue, 02 Mar 2021 11:36 PM (IST) सिद्धार्थनगर: चौखड़ा गांव में सोमवार की रात्रि को रामलीला का शुभारंभ डुमरियागंज एसडीएम त्रिभुवन की। कहा कि लोगों को मर्यादा


पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शो को अपनाकर जीवन को सफल बनाना चाहिए। एसडीएम ने कहा कि रामलीला में पिता-पुत्र, भाई - भाई, पति पत्नी का ऐसा संगम देखने को मिलता है। जिस को अपनाने से मानव जीवन


सार्थक हो जाता है। भगवान श्री राम मर्यादा के प्रतीक थे। जिन्होंने पिता की आज्ञा पर राज्य को ठुकरा दिया, और वनवास जाना स्वीकार कर लिया। ऐसे महापुरुष के आदर्शो पर चलकर हम जीवन को सफल बना सकते


है। एसडीएम ने रामलीला के कलाकारों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। मंचन के दौरान दिखाया गया कि पृथ्वी पर राक्षसों का आतंक छाया हुआ था। ऋषि - मुनि पूजा पाठ नहीं कर पा रहे थे। देवताओं ने


विष्णु भगवान की आराधना की। श्रीहरि प्रकट होते हैं तथा सब को आश्वासन देते हैं कि वह अयोध्या में राजा दशरथ के यहां राम के रूप में उतार लेंगे। अमरनाथ सिंह, गोकर्ण पांडेय आदि ने भी संबोधित किया।


चौकी इंचार्ज शाहपुर महेश शर्मा, पं. ठाकुर प्रसाद मिश्रा, मुकेश कुमार, मोहसीन अली, मोहम्मद अजहर, पुरुषोत्तम सिंह, शिवराम सिंह, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, मंगल हलवाई, अर्जुन


कुमार, मंटू गुप्ता, मुन्ना गुप्ता, मुरली सोनी, रामदेव मोरया, भारत यादव, जुगल किशोर, धर्मराज, जय शंकर मिश्रा, धीरू, विनोद आदि मौजूद रहे। मंत्रोच्चारण के साथ नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ का


शुभारंभ सिद्धार्थनगर : नेपाल के कस्वा चाकर चौड़ा में मंगलवार को नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चारण के साथ बन बाबा समाधि स्थल के पास स्थित रामजानकी मंदिर से


कलश यात्रा निकाली। कस्बा में महायज्ञ की तैयारियां चल रही थी। महिला व पुरुष श्रद्धालु भक्ति गीतों पर झूमते रहे। वह सिसई नदी घाट से जल भरने के बाद मंदिर पर पहुंचे। एक-दूसरे पर अबीर-गुलाल उड़ाते


रहे। यज्ञाचार्य रामलला पांडेय ने कहा प्रभु ने सृष्टि की रचना करने के बाद कहा कि यज्ञ करो, इससे सभी देवी-देवता का पूजन अर्चन करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी व


आकाश के देवता रक्षा करेंगे। सदकर्म करने से भी ईश्वर प्रसन्न होते हैं। यज्ञ में जल यात्रा, प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। सुग्रीव तिवारी, सुधीर शुक्ला, दिवाकर मिश्रा, वेद निधि शुक्ला, सुरेंद्र,


डीएन कसौधन, चंद्रभान कसौधन, संतोष, शिवशंकर, जंगीलाल, मोहन लाल, दशरथ, दीप नारायण, पुनीत पाठक, छोटन, चूल्हई, कृष्ण देव आदि मौजूद रहे। राधा-कृष्ण की मनोहारी झांकी देख झूम उठे श्रद्धालु


सिद्धार्थनगर : महादेव गजपुर में चल रहे शतचण्डी महायज्ञ में संगीतमयी प्रवचन सुनकर श्रोता भाव विभोर हुए। रात में रासलीला के दौरान प्रस्तुत की गई राधा-कृष्ण की मनोहारी झांकी देख श्रद्धालु झूमने


लगे। वृंदावन के कलाकारों ने जलंधर वध का सजीव मंचन किया, जिसे खूब सराहा गया। कलाकारों ने दिखाया कि जलंधर ने शिव से अमर होने का वरदान प्राप्त कर लिया था, इसके बाद उसने ब्रह्मा, विष्णु आदि


देवी-देवताओं से भी शक्ति प्राप्त कर ली। जिससे वह बलशाली हो गया और उल्टा ही देवी-देवताओं को परेशान करने लगा। जिसके चलते नारद जी, इंद्रदेव के पास पहुंचते हैं और कहते हैं कि भगवान शिव ने


देवताओं के साथ छल कर उन्हें छोटा राज्य व असुरों का बड़ा राज्य अपने पास रखे हुए हैं। इस पर इंद्रदेव, शिव के पास पहुंचे और उनसे असुर राज्य मांग लिया। इस बात का पता चलते ही जलंधर ने इंद्र को जीत


लिया, तो इंद्र शिव की शरण में जा पहुंचे। सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के पास जाकर आप बीती सुनाई। इस पर उन्होंने सभी को नारद के पास भेजा। इन्द्रजीत उपाध्याय, जगराम यादव, कौशल कुमार


विश्वकर्मा, सूरज लाल मौर्य, राम निवास यादव, अशर्फी लाल विश्वकर्मा, कृष्णा, जग्गी लाल यादव, सुनील विश्वकर्मा, भागमन चौरसिया आदि उपस्थित रहे।के