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संस, वृंदावन: महामंडलेश्वर स्वामी डा. रामकमल दास वेदांती ने कहा, अब राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बने उससे पहले ही हमें श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्त कराना है। हम अब और इंतजार नहीं कर सकते।
कुंभपूर्व वैष्णव बैठक के ब्राह्मण सेवा संघ शिविर में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्ति आंदोलन का बिगुल फूंका गया। संत-धर्माचार्यों ने कृष्ण जन्मस्थान की मुक्ति के लिए संकल्प लिया। संतों
ने कहा, कृष्ण जन्मस्थान की मुक्ति को हमें संकल्पित होना है, जन्म भूमि को मुक्त कराना है। द्वाराचार्य महंत सुतीक्ष्णदास ने कहा, यमुना तट पर कुंभ में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की मुक्ति का संतों ने
उद्घोष किया, ये ऐतिहासिक घटना है। ये संदेश विश्व के मानस पटल पर छाएगा। संयोजक कािर्ष्ण नागेंद्र महाराज ने कहा, कुंभ से शुरू हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्ति उद्घोष पर हरिद्वार की धर्म संसद
में मुहर लगाई जाएगी। रमाकांत गोस्वामी ने कहा, बृजवासी अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुक्त कराने को हर प्रकार से तैयार हैं। पीपा देवाचार्य बलराम बाबा ने कहा, यमुना शुद्धिकरण की बातें होती हैं, मगर
सरकार गंभीर नहीं है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष एवं याचिकाकर्ता महेंद्र सिंह एडवोकेट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस की जानकारी दी, कहा केस में सारे साक्ष्य हिदुओं के पक्ष में
हैं। महामंडलेश्वर कृष्णानंद ने कहा, हिदुओं को संगठित होने की आवश्यकता है। महामंडलेश्वर योगी नवल गिरी ने कहा संतों के मार्गदर्शन में कृष्ण जन्मस्थान भी मुक्त होगा। अध्यक्षता करते हुए
महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद ने कहा अब हमें भारत को हिदू राष्ट्र बनाना है, जिससे हमें अपने धर्म स्थानों को पुन: प्राप्त करने के लिए आंदोलन की जरूरत न पड़े। पाणीनी संस्कृत विश्वविद्यालय
उज्जैन के कुलपति पंडित डा. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, अनुराग कृष्ण कन्हैया, मारुति नंदन आचार्य,सारस्वत सभा के अध्यक्ष बिहारी लाल शास्त्री, महंत मोहिनी बिहारी शरण, अधिकारी गुरु, अमित भारद्वाज,
श्यामसुंदर बृजवासी, रविकांत गौतम, शशि शुक्ला, हिदू महासभा की अध्यक्ष छाया गौतम, जगदीश नीलम, सत्यभान शर्मा, हरिवंश, चंद्रलाल शर्मा, लाला व्यास, अरविद पांडे, कमल पांडे, आदित्य शर्मा, युगल
किशोर कटारे, अशोक व्यास, विपिन बापू, रविशंकर बबेले, मनुदत्त गौड़ मौजूद रहे।