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जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : समाज में बढ़ रहे नशों का रुझान रोकने और धर्म के रास्ते से भटक रही युवा पीढ़ी को सही मार्ग पर लाने के मकसद से गुरमति समागम कराना समय की अहम जरूरत है। साका
सरहिद के महान शहीदों की याद में गुरुद्वारा श्री खालसा दरबार पंजोली कलां में आयोजित गुरमति समागम को संबोधन करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य जत्थेदार करनैल सिंह पंजोली ने कहा
कि नशों का धंधा करने वाले लोग आने वाली पीढ़ी के हत्यारे हैं। इस रुझान को रोकने के लिए युवाओं के अंदर गुरमति चेतना पैदा करना भी जरूरी है। बच्चों को सिख धर्म से जोड़ने और सिख इतिहास से वाकिफ
कराने के लिए भी ऐसे समागम बेहद जरूरी हैं। गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के हैड ग्रंथी भाई हरपाल सिंह ने माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह की याद में कराए जा
रहे गुरमति समागम में कहा कि भविष्य में अनेक चुनौतियां सामने आ रही हैं। आर्थिक मंदी, नशों का रुझान और धर्म से भटकना अहम चुनौतियां हैं। इनका सामना करने के लिए माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों
की कुर्बानी से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपना भविष्य संवारना चाहिए। पंथक कवि जोगिदर सिंह कंग व हरभजन सिंह नाहल ने माता गुजरी जी, छोटे साहिबजादों, दीवान टोडर मल व मोती राम महरा की जज्बाती कविताओं
के माध्यम से श्रद्धांजलि भेंट की। पंथक ढाडी भाई प्रितपाल सिंह बैंस ने सरहिद साका और बाबा बंदा सिंह बहादर द्वारा स्थापित खालसा राज के गौरवमय इतिहास को संगत के आगे पेश किया। शिअद (बादल) के
जिलाध्यक्ष जगदीप सिंह चीमा ने सिख धर्म के प्रचार व प्रसार में एसजीपीसी सदस्य पंजोली द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर पूर्व विधायक दीदार सिंह भट्टी, एसजीपीसी सदस्य अवतार
सिंह रिया, मैनेजर करम सिंह, सुरिदर सिंह समाना, रंजीत सिंह राणा पंजोली भी मौजूद रहे।