ब्रिसबेन टेस्ट में टीम इंडिया की बेंच स्ट्रेंथ का होगा कड़ा इम्तिहान

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ATUL WASSAN EXCLUSIVE: टीम इंडिया के लिए यह बेहद चुनौतीपूर्ण समय है. गनीमत है कि भारत ने दूसरा टेस्ट ड्रॉ कर लिया है. टीम में न शमी थे, न इशांत शर्मा और अब रही सही कसर जसप्रीत बुमराह की


इंजरी ने पूरी कर दी है जिससे भारत का काम ब्रिसबेन में काफी मुश्किल हो गया है लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि भारत के लिए सब कुछ असम्भव हो गया है. भारत ने कई मौकों पर असम्भव को सम्भव कर दिखाया है


और अगर ब्रिसबेन में भारत ने मैच जीत लिया या मैच बचा दिया तो यह भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार घटना होगी क्योंकि दूसरे दर्जे के अटैक से ऑस्ट्रेलिया को उसी की कंडीशंस में रोकना वास्तव


में बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. आज बुमराह टीम इंडिया के नम्बर वन बॉलर हैं जो आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी कुछ समय पहले दुनिया के नम्बर एक गेंदबाज़ थे. मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा का उनके बाद नम्बर


आता है. और तो और सहयोगी गेंदबाज़ उमेश यादव भी उपलब्ध नहीं हैं. यह टीम इंडिया की बेंच स्ट्रेंथ का ही कमाल है कि कई दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ों के बिना भी टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया की कंडीशंस में मैच


बचा रही है. टीम के पास शार्दुल ठाकुर, टी नटराजन और कार्तिक त्यागी जैसे गेंदबाज़ वहां मौजूद हैं. इन गेंदबाज़ों के लिए अब सुनहरा अवसर है मौके को भुनाने का. मुझे लगता है कि शार्दुल ठाकुर और टी


नटराजन दोनों को ही ब्रिसबेन टेस्ट में खिलाया जा सकता है. इन्हें टीम के साथ रहने का फायदा मिला है. अलग-अलग फॉर्मेट में खिलाड़ियों की टीम इंडिया में मौजूदगी का टीम इंडिया को फायदा हुआ है. यदि


शार्दुल और टी नटराजन दोनों को टीम प्रबंधन खिलाता है तो इससे बल्लेबाज़ी थोड़ी कमज़ोर होगी और उस स्थिति में हमारे लिए भी ऑलआउट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. हम किसी भी स्थिति में ड्रॉ


के लिए नहीं जा सकते. वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम ग्रीन विकेट इस मैच के लिए देगी. उसे अपने तीनों अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ों पर भरोसा है. ये तीनों गाबा की विकेट पर कहर बरपा सकते हैं. मुझे बस डर इसी बात


का है कि कहीं चार नए तेज़ गेंदबाज़ों की अनुभवहीनता किसी न किसी स्पेल में एक्सपोज़ न हो जाए. ऐसे स्पैल कई बार काफी महंगे साबित हो जाते हैं. [embedded content] इसके अलावा टीम इंडिया रिद्धिमान


साहा को बतौर विकेटकीपर और ऋषभ पंत को बतौर बल्लेबाज़ भी खिला सकती है. यह विकल्प भी बुरा नहीं है क्योंकि पंत ने सिडनी टेस्ट में दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाज़ी करके भारत को जीत की उम्मीदें


जगा दी थीं जिससे उस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम बैकफुट पर आ गई थी. साहा भी ठीक ठाक बल्लेबाजी कर लेते हैं. उम्मीद कीजिए ब्रिसबेन में टीम इंडिया के चमकदार प्रदर्शन की. [embedded content] Gautam


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