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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Thu, 30 Mar 2017 07:40:29 (IST) - सिम लगाकर मीटर को सर्वर से किया जाएगा कनेक्ट -ऑटोमेटिक रीडिंग से सर्वर रूम से जेनरेट होगा बिल आई एक्सक्लूसिव मोहित शर्मा मेरठ।
कस्टमर सर्विस को हाईटेक बनाने में जुटा पीवीवीएनएल बिलिंग को लेकर एक नया फॉर्मूला लेकर आया है। नए फार्मूले के अंतर्गत अब कंज्यूमर का बिल मीटर रीडर नहीं, बल्कि विभाग का सर्वर जेनरेट करेगा।
कंज्यूमर द्वारा खर्च की गई यूनिट और उसकी रीडिंग का पूरा ब्यौरा विभाग के कंट्रोल रूम में दर्ज होगा। सर्वर लेगा रीडिंग नई व्यवस्था के अंतर्गत कंज्यूमर के मीटर पर विभाग की ओर से ऑटोमेटिक चेक
लगा दिया जाएगा। (जीआईएस) जियोग्राफिक इंफोरमेशन सिस्टम बेस्ड इस सेवा के अंतर्गत शहर के सभी कनेक्शन सर्वर रूम से कनेक्ट होंगे। सर्वर रूम में बैठा कर्मचारी ही मीटर रीडिंग का काम निपटाएगा। बिल
जेनरेट होने के बाद रीडिंग की स्लीप कंज्यूमर को सौंप दी जाएगी। मीटर में फिक्स होगा मॉडम दरअसल, विभाग की ओर से इलेक्ट्रिक मीटर में मॉडम फिक्स किए जाएंगे, जिनकी कॉस्ट लगभग 12,000 के आसपास होगी।
हालांकि मीटर पर आने वाले खर्च को विभाग की ओर से ही वहन किया जाएगा। सिम बेस्ड होगा मीटर पीवीवीएनएल के अनुसार इलेक्ट्रीसिटी मीटर में एक विशेष प्रकार का सिम फिट किया जाएगा। सिम का नंबर सर्वर
रूम में लगे कंप्यूटर में फीड रहेगा। वास्तव में मीटर में लगा यह सिम ही मीटर रीडिंग का काम करेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि कंज्यूमर के घर जाकर मैनुअली रीडिंग लेने से न केवल छुटकारा
मिलेगा, बल्कि रीडिंग के दौरान की जाने वाली धांधली पर भी रोक लगेगी। पॉयलट प्लान में मेरठ विभाग की ओर से इस फॉर्मूले का प्लान दो साल पूर्व तैयार किया गया था। जिसके बाद से विभाग फार्मूले को हर
कसौटी पर परख इसकी एक्यूरेसी चेक करने में लगा था। अब विभाग ने पॉयलट प्लान को मेरठ, मुजफ्फरनगर और शामली में लागू करने का प्लान बनाया है। हालांकि मेरठ में अभी कुछ स्थानों पर ही फार्मूले का
इस्तेमाल किया जाएगा। बॉक्स - मीटर में लगा सिम जिसका नंबर सर्वर में होगा फीड, जो रीडिंग की देगा जानकारी। -मीटर रीडिंग को स्टोर करने के मामलों में काफी हद तक कमी देखने को मिलेगी। -उपभोक्ता
विभागीय कर्मचारियों के शोषण का शिकार होने से बचेगा -मीटर में खराबी आने पर सर्वर मीटर डिस्टर्ब को लेकर एक मैसेज क्रिएट करेगा, जिसके आधार पर विभाग नए मीटर की व्यवस्था करेगा। -कर्मचारियों के
बाजीगरी पर लगाम लगने से विभाग को मोटा राजस्व मुनाफा होगा। नई व्यवस्था के अंतर्गत सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। 15 अप्रैल तक फॉर्मूले को लागू कर दिया जाएगा। इससे बिलिंग सिस्टम में
पादर्शिता आएगी। योगेश कुमार, एक्सईएन एवं प्रभारी आरएपीडीआरपी पार्ट ए