'big bang' is blunder : prof. Narlikar

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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Sat, 15 Dec 2012 00:20:14 (IST) हर किसी के मन में यूनिवर्स के बारे में जानने की इच्छा होती है। हर साल एक नई तारीख आ जाती है कि धरती खत्म होने वाली है। जिसके बाद


इस पर चर्चा शुरु हो जाती है.  बिग-बैंग और महाप्रलय जैसी घटनाओं के बारे में जानने के लिए लोगों में काफी दिलचस्पी होती है। दूसरी तरफ इस सच को जानने के लिए साइंटिस्ट भी खूब रिसर्च कर रहे हैं.


उनमें से ही एक जाने माने वैज्ञानिक पदम विभूषण जयंत विष्णु नार्लीकर शुक्रवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी के मालवीय सभागार में स्टूडेंट्स से मुखातिब हुए और यूनिवर्स से जुड़े कई रहस्यों को उजागर किया.


  प्रो। नार्लीकर ने बताया कि यूनिवर्स के रहस्य को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। कई रोचक सच्चाइयां भी सामने आ चुकी हैं। उन्होने कहा कि यूनिवर्स को साइंटिफिक तरीके से समझना होगा। दुनिया


में यूनिवर्स के रहस्य को जानने के लिए प्राचीन काल से लोग अनेकों प्रयास कर रहें हैं। ऐसे बहुत से साइंटिस्ट हुए हैं जो इसको लेकर कई परिभाषायें देते रहे हैं पर लोगो ने इसको अनदेखा कर दिया।


बिग-बैंग की व्याख्या सच नहीं पिछले कुछ सालों में महाविस्फोट यानी बिग- बैंग की खबर खूब चर्चा में रही। बहुत से साइंटिस्ट्स का मानना है कि यूनिवर्स का जन्म बिग-बैंग से हुआ है। इस बात को नकारते


हुए प्रोफेसर नार्लीकर ने कहा कि बिग-बैंग की व्याख्या किसी सिद्धान्त से नहीं की जा सकती। साइंटिस्ट हमेशा पुराने तर्कों पर रिसर्च कर रहे हैं. हमें किसी सिद्धान्तों को अप्लाई करने से पहले इनकी


जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए। इस समय बिग-बैंग की सीधे परिकल्पना की जा रही है जो कि गलत है। हमारे आधुनिक प्रेक्षण हमें एक अत्यधिक गर्म यूनिवर्स की जानकारी देते हैं न कि सीधे बिग-बैंग की। अगर ऐसा


करते हैे तो विज्ञान को गलत दिशा दे रहे हैं. यूनिवर्स को समझना हुआ आसान प्रो। नार्लीकर ने बड़े सरल अंदाज में यूनिवर्स के सच को बताने की कोशिश की। उन्होने थ्योरी को एक्सप्लेन करने के लिए कई


एग्जाम्पल स्टूडेंट्स के सामने पेश किये। साथ ही दुनिया भर के प्राचीन विद्वानों से लेकर आधुनिक सांइटिस्ट्स के सिद्धान्तों को बताते हुए यूनिवर्स के सच को समझाया। प्रोफेसर नार्लीकर ने सभागार में


बैठे स्टूडेंट, प्रोफेसर और वैज्ञानिकों को यूनिवर्स के बारे में रोचक तरीके से व्यक्त करने का प्रयास किया साथ ही स्टूडेंट के प्रश्नों का जवाब दिया. बिग-बैंग के सच को चुनौती प्रो। नार्लीकर ने


कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद प्रोफेसर फ्रेड होयल के साथ होयल-नार्लीकर सिद्धांत दिया। इसी सिद्धांत के आधार पर उन्होने बिग बैंग के सिद्धान्त को चुनौती दी है। इसके लिए एक


सिद्धांत दिया जिसको अर्ध-स्थिर अवस्था कहा जाता है। इस मॉडल के अनुसार यूनीवर्स का जन्म बिग-बैंग जैसे किसी महाविस्फोट से नहीं हुआ है। वहीं स्टूडेंट्स ने भी उनसे कई तरह के सवाल किए। प्रोग्राम


में वाइस चांसलर जी पटनायक, प्रो। निशी पांडे समेत कई टीचर्स और स्टूडेंट्स मौजूद थे. REPORT BY : NAGENDRA PANDEY