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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Thu, 09 Jan 2014 11:49:06 (IST) पुलिस लाइन में कार्यशाला पुलिस लाइन में आयोजित शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक मुख्यालय नवेदिता कुकरेती ने दीप
प्रज्वलित कर किया, जिसके बाद एसएसपी केवल खुराना, सीओ मसूरी जया बलोनी, एवं पूर्व महिला संरक्षण अधिकारी रविंद्री मंद्रवाल ने महिला सुरक्षा को लेकर अपने विचार रखे। केन्द्रीय विद्यालय कैंट की
प्रिंसिपल मधुबाला चतुर्वेदी ने महिला सशक्तिकरण के बारे में तथा डाक्टर मुकुल शर्मा ने कैरियर काउंसलिंग के बारे में जानकारी दी। कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बुरी संगत से दूर रहने का
संदेश दिया। बाद में पुलिस लाइन ग्र्राउंड में प्रशिक्षक जवानों ने छात्राओं को मुसीबत के समय मनचलों व बदमाशों से निपटने के लिए जूडो-कराटे के गुर सिखाए। एसएसपी ने दी वेपन्स की जानकारी कार्यशाला
में छात्राओं को जूडो-कराटे के अलावा वेपन की जानकारी भी दी गई। खुद एसएसपी केवल खुराना ने छात्राओं को हथियारों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान कई छात्राओं ने एसएसपी से सवाल भी पूछे। यहां तक
कि गल्र्स ने इयर गन से टारगेट पर निशाना भी लगाया। इस दौरान घुड़सवारी का अभ्यास भी कराया गया। बाद में पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देने के लिए गल्र्स को कैंट थाने ले जाया गया।
कार्यशाला में छात्राओं को सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाएं जाएंगे। उन्हें वेपन्स के बारे में जानकारी देने के साथ निशाना लगाना सिखाया जाएगा। घुड़सवारी का अभ्यास करवाने के साथ पुलिस की कार्यप्रणाली
से अवगत कराया जाएगा। केवल खुराना एसएसपी सेल्फ डिफेंस को लेकर जो जानकारी दी गई है वह फ्यूचर में काफी हेल्पफुल होगी। यहां आकर एक्सपर्ट की जो बाते सुनने को मिली वह काफी अच्छी थी। श्रृष्टि राणा
अमूमन देखा जाता है कि गल्र्स सुरक्षा को लेकर दूसरों पर निर्भर रहती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। महिलाएं भी आत्मसुरक्षा के गुर सीख रही हैं। मैंने भी यहां आकर आत्म सुरक्षा के गुर सीखे। हप्सा
जूडो कराटे सीखना ग्लर्स के लिए जरूरी है, क्योंकि आए दिन उन्हें ईव टीचिंग जैसी अन्य समस्याओं से गुजरना पड़ता है। यदि वह सेल्फ डिफेंस के गुर सीख लेती है तो वह हर मुश्किल का सामान कर सकती हैं।
ऋतु वूमैन प्रोटेक्शन को लेकर जो जानकारी मिली है वह अच्छी लगी। सबसे अच्छा नुक्क्ड़ नाटक लगा, जिसमें बुरी संगत से दूर रहने का संदेश दिया गया। मधुमंडल यह अभियान बहुत अच्छा है। इसे बड़े स्तर पर
चलाए जाने की जरूरत है। शिविर में घुड़सवारी करना सबसे अच्छा लगा क्योंकि मैंने पहले कभी भी घुड़सवारी नहीं की थी। वायलेट इन हथियारों से रूबरू हुई गल्र्स :- .38 रिवॉल्वर :- 99 एमएम पिस्टल :-
99 कारबाइन :- एके 47 राइफल :- 7.62 एसएलआर :- .303 रायफल :- 12 बोर पिस्टल बांटे गए पेपर स्प्रे कार्यशाला में एसएसपी ने कई छात्राओं को पेपर स्प्रे भी दिए। इस खास तरह के स्प्रे का यूज लड़कियां
सेल्फ डिफेंस के लिए करती हैं। मसलन, अगर कोई छेड़छाड़ करे तो वे बदमाश के मुंह पर इसका स्प्रे कर देती हैं, जिसके बाद बदमाश की आंखे बंद हो जाती है। इतना ही वह कुछ देर के लिए बेहोश भी हो सकता
है।