आखिर कब जागेंगे?

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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Wed, 23 May 2012 00:14:16 (IST) अभियान दर अभियान लेकिन फर्क नहीं पब्लिक ट्रैफिक रूल्स फालो करे? इसके लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा अभियान दर अभियान चलाया। स्कूलों


में अवेयरनेस कैंपेन चलाई गई। चौराहों पर चेकिंग लगाई गई। लेकिन आकड़े बता रहे हैं कि सब बेकार चला गया। 300 का चालान महीने में तीन बार भर देंगे, लेकिन हेलमेट लगाकर नहीं चलेंगे। चौराहों पर


चेकिंग देखकर दो किमी गाड़ी को ज्यादा घुमाकर निकाल लेंगे। चेकिंग में पकड़ लिए जाएंगे तो चार-पांच अंकल को फोन मिलाकर पुलिस से बचने की गुहार तक लगवा देंगे। सारे दांव पेंच अजमा लेंगे। यह सब कुछ


सिर्फ इसलिए कि रूल्स फॉलो करने का प्रेशर न बनाएं। सारा काम, सारी स्टाइल बाइक पर दिक्कत इस बात की है कि इलाहाबादियों का सारा काम, सारी स्टाइल बाइक और गाड़ी में ही होती है। एक से बढ़कर एक


स्टाइलिस्ट नंबर प्लेट, गाड़ी स्टार्ट करने के साथ ही मोबाइल स्टार्ट हो जाता है, फायर बिग्रेड की गाड़ी से तेज बजने वाला हूटर बाइक पर लग जाएगा। एसपी ट्रैफिक अजय कुमार सिंह कहते हैं कि हर महीने


स्पेशल ड्राइव चलाई जाती है। इससे कुछ दिनों के लिए सुधार आता है लेकिन कुछ दिनों बाद फिर वही स्थिति बन जाती है। वह कहते हैं कि एक बार जुर्माना भरने के बाद भी लोग नहीं संभलते। ऐसा महसूस होता है


जैसे ट्रैफिक रूल्स फॉलो न करना उनकी आदत का हिस्सा बन गया है। साल भर छोडि़ए, 20 दिन का आंकड़ा देखिए ट्रैफिक मंथ के साथ ही समय-समय पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा चेकिंग का विशेष अभियान चलाया जाता


है। एसएसपी नवीन अरोरा के निर्देश पर मई माह में भी ट्रैफिक पुलिस द्वारा ट्रैफिक अवेयरनेस के नाम पर विशेष अभियान चलाया गया। 20 दिन हुए हैं अभी इस अभियान को शुरूहुए। लेकिन, इसकी जद में आने वाले


लोगों का रिकार्ड बन रहा है। 1500 से ज्यादा लोगों का चालान सिर्फ 20 दिन में ट्रैफिक पुलिस ने किया है। यह तब है जबकि भीषण गर्मी के चलते दिनभर में चंद घंटे ही मुस्तैदी से यह अभियान चला है।


कहीं पूरा दिन पुलिस डट जाती तो चालान के हर दिन नए रिकार्ड ध्वस्त हो रहे होते।