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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Fri, 06 May 2016 07:41:12 (IST) RANCHI: झारखंड में राज्य सरकार को केंद्र सरकार के सहयोग से 10 हजार करोड़ रुपए का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (आईडीएफ) बनाने की
जरूरत है। राज्य सरकार एक ऐसा कोष विकसित करे, ताकि झारखंड को पूर्वी भारत का प्रमुख इन्वेस्टर्स स्टेट के रूप में डेवलप किया जा सके। यह सुझाव दी एसोसिएट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ऑफ
इंडिया एसोचैम के अध्यक्ष सुनिल कनोरिया ने सीएम रघुवर दास को दिया है। बुधवार को श्री कनोरिया ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर राज्य के हित में कई सुझाव दिए। सीएम से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत भी शामिल थे। झारखंड को लेकर एसोचैम ने एक सर्वे रिपोर्ट भी जारी की है। निवेश में झारखंड फेल एसोचैम के आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो (एआईआरबी) की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार,
मिनरल्स बहुल राज्य होने के बाद भी झारखंड राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के निवेश आकर्षित कराने में फेल रहा है। 2010 -11 से लेकर 2015-16 तक झारखंड द्वारा आकर्षित किए गए निवेश में काफी गिरावट
दर्ज की गई है। यह पहले करीब 26 प्रतिशत था, जो छह सालों मे गिरकर 2.5 प्रतिशत रह गया है। प्राकृतिक संसाधन होने के बावजूद झारखंड देश के कई दूसरे राज्यों से पिछड़ गया है। रोजगार में भी पिछड़ा
एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार, रोजगार देने में भी झारखंड दूसरे राज्यों की अपेक्षा काफी पिछड़ गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष के आखिरी तिमाही में पूरे देश में रोजगार के करीब नौ
लाख अवसर पैदा हुए, जबकि झारखंड में संसाधनों के बावजूद महज 3234 लोगों को ही रोजगार मिल पाया। आखिरी तिमाही में रोजगार सर्विस क्षेत्र 41 प्रतिशत कंस्ट्रक्शन क्षेत्र 23.2 प्रतिशत आईटीआई 13.4
प्रतिशत बैंकिंग, वित्तीय एवं बीमा क्षेत्र 12 प्रतिशत निर्माण व रियल एस्टेट 7.3 प्रतिशत बॉक्स। छोटे उद्योगों को मिले बढ़ावा एसोचैम ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि झारखंड में जो राज्य
औद्योगिक विकास निगम है, उसे विकसित करने की जरूरत है। ताकि जो छोटे उद्योग हैं, उनको सहायता मिल सके। जब राज्य में एमएसएमई यूनिट पूरी तरह से काम करने लगेंगी, तो रोजगार का सृजन होगा। झारखंड के
ग्रामीण क्षेत्रों में इससे सबसे अधिक रोजगार बढ़ेगा। इसके अलावा राज्य के ग्रामीण बाजार में सरकार को अपनी पैठ बढ़ाने की जरूरत है। ग्रामीण बाजार में व्यवसाय बढ़ाने से रोजगार में बढ़ोतरी होगी।