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आत्मा एक ऐसा रहस्यमयी शब्द है, जिसने सदियों से इंसान की सोच को उलझाकर रखा है. लोग मानते हैं कि आत्मा हमारे शरीर के अंदर होती है, और मृत्यु के बाद शरीर छोड़ देती है. लेकिन सवाल उठता है. अगर
आत्मा होती है, तो वह दिखती क्यों नहीं? यह सवाल ना सिर्फ आम लोगों को परेशान करता है, बल्कि वैज्ञानिकों और दार्शनिकों के लिए भी यह एक गूढ़ रहस्य बना हुआ है. Advertisment धार्मिक मान्यताओं के
अनुसार आत्मा भारत सहित दुनिया के कई धार्मिक ग्रंथों में आत्मा को शुद्ध, अजर-अमर और अदृश्य बताया गया है. हिंदू धर्म में कहा गया है कि आत्मा न तो मरती है और न ही जन्म लेती है. यह केवल एक शरीर
से दूसरे शरीर में स्थानांतरित होती रहती है, जिसे पुनर्जन्म कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आत्मा “सूक्ष्म शरीर” का हिस्सा होती है, जिसे हमारी आंखें नहीं देख सकतीं, क्योंकि यह पांचों
भौतिक इंद्रियों से परे होती है. आत्माओं को लेकर साइंस की सोच? विज्ञान के अनुसार अब तक आत्मा के अस्तित्व को साबित करने का कोई ठोस सबूत नहीं है. वैज्ञानिक कहते हैं कि आत्मा अगर होती भी है,
तो वह किसी ऊर्जा या तरंग (Frequency) के रूप में मौजूद हो सकती है, जो इंसानी आंखों की सीमा से परे होती है. हमारी आंखें केवल एक सीमित स्पेक्ट्रम (लगभग 400–700 नैनोमीटर) के भीतर ही चीजों को देख
सकती हैं. अगर आत्मा इससे बाहर की किसी ऊर्जा रूप में है, तो उसे देख पाना संभव नहीं है. क्या कुछ लोगों को आत्मा दिखती है? कुछ लोग दावा करते हैं कि उन्हें आत्माएं दिखाई देती हैं या वे किसी
अदृश्य शक्ति की उपस्थिति महसूस करते हैं. लेकिन विज्ञान इसे मनोवैज्ञानिक भ्रम, नींद की गड़बड़ी, या भय से उपजे अनुभव के रूप में देखता है. तो क्यों नहीं दिखती है ये आत्मा? आत्मा दिखती क्यों
नहीं, इसका जवाब इस पर निर्भर करता है कि आप इसे किस दृष्टिकोण से देखते हैं आस्था या विज्ञान. जहां धर्म इसे दिव्य और अदृश्य मानता है, वहीं विज्ञान इसे अब तक अप्रमाणित मानता है. फिलहाल, आत्मा
एक ऐसा रहस्य है जो भावनाओं, विश्वास और अनुभवों से जुड़ा हुआ है. ये भी पढ़ें- चोरी करने से पहले चोर ने किया जमकर डांस, सीसीटीवी में कैद हुई अजीब वारदात