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बजट सत्र के दौरान विधायकों के प्रश्नों के जवाब कैसे मिलेंगे, यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है। सरकार की ओर से तय कार्यक्रम के अनुसार बजट सत्र पांच दिन का है। इसमें प्रश्नकाल तीन दिन का होगा।
ऐसे... Himanshu Kumar Lall लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादून, Tue, 18 Feb 2020 06:23 PM Share Follow Us on __ बजट सत्र के दौरान विधायकों के प्रश्नों के जवाब कैसे मिलेंगे, यह सबसे बड़ा सवाल बन
गया है। सरकार की ओर से तय कार्यक्रम के अनुसार बजट सत्र पांच दिन का है। इसमें प्रश्नकाल तीन दिन का होगा। ऐसे में लगता नहीं है कि तीन दिन में सरकार, विधायकों के सभी प्रश्नों के जवाब दे पाएगी।
सरकार ने तीन से सात मार्च तक गैरसैंण में बजट सत्र बुलाया है। इस संदर्भ में सोमवार को अधिसूचना जारी हो गई। इस सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होना है। ऐसे में सदन की कार्यवाही में
प्रश्नकाल तीन दिन ही चलना है। विधानसभा सचिवालय को बजट सत्र के लिए अभी तक 450 सवाल मिल चुके हैं। सदन में विधायकों के प्रश्न विभागवार लगाए जाते हैं और हर विभाग का एक वार होता है। गैरसैंण सत्र
मंगलवार से शुरू हो रहा है। इसमें मंगलवार को राज्यपाल का अभिभाषण होना है जिस वजह से प्रश्नकाल नहीं होगा। बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार को ही प्रश्नकाल होगा। ऐसे में जिन विधायकों ने
सोमवार-मंगलवार वाले विभागों के प्रश्न लगाए होंगे उनके सवालों के जबाव भी नहीं मिल पाएंगे। बजट और अभिभाषण पर कैसे होगी चर्चा : विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली के अनुसार सदन में बजट पर कम
से कम चार दिन चर्चा होनी चाहिए। यह चर्चा भी बजट पेश होने के दो दिन बाद शुरू करने की व्यवस्था है। विभागवार बजट पास करने के लिए अलग से समय नियत है। इसी तरह से राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा को
भी चार दिन तय किए गए हैं पर इन नियमों का पालन नहीं हो पा रहा। उत्तराखंड गठन के बाद कभी भी सदन की कार्यवाही तय समय तक नहीं चली। देहरादून में हाल में संपन्न हुए देशभर के पीठासीन अधिकारियों
के सम्मेलन के दौरान भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था। सदन की कार्यवाही लगातार कम होने पर चिंता जताते हुए उसकी अवधि बढ़ाने पर जोर दिया गया था। इस दौरान सुझाव दिया गया था कि सदन आहूत करने की
अवधि को छह महीने से घटाकर तीन महीने कर दिया जाए।