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ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव के 16 प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन भले ही रेरा ने रद्द कर दिया हो, लेकिन वह उनके मामलों की सुनवाई करेगा। अगर शाहबेरी का कोई खरीददार रेरा में आता है तो वह उनको पैसा
वापस... Praveen Sharma ग्रेटर नोएडा | वरिष्ठ संवाददाता, Fri, 20 Sep 2019 02:26 PM Share Follow Us on __ ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव के 16 प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन भले ही रेरा ने रद्द कर
दिया हो, लेकिन वह उनके मामलों की सुनवाई करेगा। अगर शाहबेरी का कोई खरीददार रेरा में आता है तो वह उनको पैसा वापस दिलाएगा। शाहबेरी में अवैध निर्माण के चलते खरीददार फंसे हैं। रेरा ने हाल ही में
शाहबेरी के 16 प्रोजेक्टों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था। इनके कागजात पूरे नहीं थे। इसके बाद से खरीददारों में असमंजस की स्थिति थी। दरअसल शाहबेरी में अधिसूचित क्षेत्र में बिना नक्शे के
इमारतें खड़ी कर दी गईं। यहां पर फ्लैट बनाकर लोगों को बेच दिए गए। बिल्डरों ने बैंकों से लोन भी करा दिया। इसके चलते खरीददारों को कोई शक भी नहीं हुआ। पिछले साल जुलाई में दो इमारतें गिरने के बाद
यह मामला तूल पकड़ा और इस इलाके के पूरे निर्माण को अवैध घोषित कर दिया गया। प्राधिकरण ने कार्रवाई शुरू की और मुकदमे दर्ज करा दिए। यहां की इमारतों को तोड़ने की कवायद शुरू हो गई। रेरा ने कहा है कि
कागजात पूरा नहीं होने पर शाहबेरी के प्रोजेक्टों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है। लेकिन वह खरीददारों के मामलों की सुनवाई की जााएगी। वहां के खरीददारों को पैसे वापस दिलाए जाएंगे। दो कंपनियों
से 1.13 करोड़ वसूले : दो कंपनियों से 1.13 करोड़ रुपये वसूल किए हैं। एसडीएम व तहसीलदार दादरी विनय प्रताप सिंह भदौरिया ने बताया कि दित्या सॉफ्ट से 60,65,000 रुपये व लोजिक डिवेलपर से रेरा का
बकाये के 53,00,000 रुपये वसूले गए हैं। तहसीलदार न्यायिक दुर्गेश सिंह ने बताया कि राजस्व वसूली को लेकर अभियान चल रहा है। ''रेरा शाहबेरी में घर खरीददारों के केसों की सुनवाई करेगा।
अगर कोई खरीददार शिकायत करता है तो उसको पैसे दिलाए जाएंगे। उसकी समस्या का समाधान कराया जाएगा।'' -बलविंदर कुमार, रेरा सदस्य