
Play all audios:
UPPSC RO/ARO प्रीलिम्स परीक्षा अब नजदीक है। कम समय में सफलता पाने के लिए रैंक 1 लाने वाले अवधभान सिंह भदौरिया की रणनीति जानना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। UPPSC RO/ARO परीक्षा 27 जुलाई
2025 को आयोजित होने वाली है और अब लगभग सिर्फ 50 दिन का वक्त बचा है। ऐसे में अभ्यर्थियों के लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर टॉप रैंक लाने वाले छात्र कैसे तैयारी करते हैं। रैंक 1
लाने वाले अवधभान सिंह भदौरिया ने अपने अनुभव और स्ट्रैटेजी बताई है। यूट्यूबर विभांशु पाण्डेय को दिए इंटरव्यू में अवधभान ने बताया कि कम समय में भी सटीक और रणनीतिक तैयारी से सफलता पाई जा सकती
है। उन्होंने कहा कि UPPCS की सिविल सेवा परीक्षा और RO/ARO परीक्षा का सिलेबस काफी हद तक एक जैसा है, इसलिए फोकस यूपीपीएससी के पैटर्न और सिलेबस पर होना चाहिए। कम समय में कैसे करें सटीक तैयारी
अवधभान ने बताया कि कम समय में तैयारी करने वाले छात्रों को ज्यादा किताबों और रिसोर्सेज के जाल में नहीं फंसना चाहिए। इसके बजाय उन्होंने घटना चक्र पूर्वावलोकन और ल्यूसेंट सामान्य ज्ञान को
बार-बार पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “बार-बार रिवीजन ही सबसे बड़ा हथियार है। कम किताबें पढ़ो लेकिन उन्हें बार-बार पढ़ो, वहीं से नंबर आएंगे।” अतिरिक्त टॉपिक ऐसे करें कवर RO/ARO के सिलेबस
में कुछ अतिरिक्त विषय भी होते हैं जैसे कि रीजनिंग, कंप्यूटर और मिसलेनियस टॉपिक्स। इसके लिए भदौरिया ने सुझाव दिया कि रीजनिंग के लिए UPPSC पेपर 2 CSAT के पुराने पेपर काफी मददगार होते हैं, वहीं
कंप्यूटर की तैयारी के लिए ल्यूसेंट का कंप्यूटर सेक्शन पर्याप्त है। टेस्ट सीरीज का रोल अवधभान ने यह भी बताया कि परीक्षा के अंतिम 30-40 दिनों में टेस्ट सीरीज से अभ्यास करना जरूरी हो जाता है।
इससे न केवल टाइम मैनेजमेंट में मदद मिलती है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, किसी अच्छी टेस्ट सीरीज को जरूर जॉइन करें। हिंदी को न करें नजरअंदाज
प्रीलिम्स में 60 अंकों का हिंदी का पेपर होता है, जो कई बार मेरिट में बड़ा रोल निभाता है। भदौरिया ने बताया कि उन्होंने आदित्य पब्लिकेशन की हिंदी की किताब और घटनाचक्र हिंदी पूर्वावलोकन से
हिंदी की तैयारी की थी। गौरतलब है कि UPPSC RO/ARO परीक्षा की तैयारी में अब बहुत ज्यादा वक्त नहीं बचा है। ऐसे में अवधभान जैसे टॉपर्स की रणनीति अपनाकर कोई भी उम्मीदवार अपने लक्ष्य को पा सकता
है। कम समय में स्मार्ट तैयारी, सीमित किताबें, ज्यादा रिवीजन और टेस्ट सीरीज के जरिए अपनी तैयारी को मजबूत बना सकते हैं।