Bhai dooj 2018: जानें दोपहर व शाम के शुभ मुहूर्त का समय, पढ़ें पूरी व्रत कथा

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BHAI DOOJ 2018 KATHA AND SHUBH MUHURAT: आज देशभर में भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें व्रत, पूजा, कथा आदि... लाइव


हिन्दुस्तान टीम नई दिल्लीFri, 9 Nov 2018 01:36 PM Share Follow Us on __ BHAI DOOJ 2018 KATHA AND SHUBH MUHURAT: आज देशभर में भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया


तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें व्रत, पूजा, कथा आदि कर भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और उनके माथे पर टिका लगाती हैं। इसके बदले भाई भी उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए उपहार


देते हैं। यह त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही महत्व रखता है। ज्योतिषाचार्य पंडित नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि भैया दूज इस बार विशाखा नक्षत्र में मनाया जाएगा। भाई दूज मुहूर्त: सुबह- 9:20 से 10:35


तक दोपहर-1:20 से 3:15 तक शाम-4:25 से 5:35 और 7:20 से रात 8:40 तक भैया दूज कथा भगवान सूर्य नारायण की पत्नी का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा


स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालता रहा। कार्तिक शुक्ला का दिन आया। यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन


के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया। यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है,


उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके


व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया। यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस


दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करें, उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमलोक की राह की। इसी दिन से पर्व की परम्परा बनी। ऐसी मान्यता है कि जो


आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता। इसीलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है।