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अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कानून को कमजोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित समुदाय द्वारा बुलाए गए भारत बंद (2 अप्रैल, 2018) के दिन पैदा हुए अराजक हालात पर बीआर अंबेडकर
के पोते प्रकाश अंबेडकर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीआरपी-बहुजन महासंघ प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने मंगलवार (3 अप्रैल, 2018) को केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा है कि अगर अब भी नहीं जागे या
सुधारात्मक फैसला नहीं लिया गया तो हालात कश्मीर से भी बदतर हो जाएंगे। मुंबई में इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में प्रकाश अंबेडकर ने कहा, “जो कुछ भी हुआ वह हालात के खिलाफ अनुसूचित जाति में बढ़ती
अशांति का संकेत है, जहां कुछ लोग कहते हैं कि वे देश के मालिक हैं। कश्मीर में समस्या सिर्फ दो-तीन जिलों तक ही सीमित है।” भारत रत्न अंबेडकर के पोते ने आगे कहा कि अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर
रहे हैं। मुस्लिम समुदाय पहले ही नाराज है। अब अल्पसंख्यक जैसे ईसाई और जैन भी सरकार के खिलाफ हैं। हाल की कार्रवाई ने दलितों को भी नाराज कर दिया है। अंबेडकर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी
नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि दलित का एक्ट का गलत इस्तेमाल हो सकता है, यह दलील ठीक नहीं है। इस एक्ट के दुरुपयोग का प्रतिशत बहुत कम है। उन्होंने दलित आंदोलन की वजह से राजनीतिक पार्टियों पर
पड़ने वाले प्रभाव को लेकर भी बात की। उन्होंने तीसरा मोर्चा से गठबंधन करने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया। अंबेडकर ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, “चुनाव में
कांग्रेस को धर्मनिरपेक्ष पार्टियों से हाथ मिलाना चाहिए।” बता दें कि दो अप्रैल को देशभर में हुए प्रदर्शन और आगजनी की खबरें मीडिया की सुर्खियों में बनी रहीं। कई राज्यों में करोड़ों की
प्रॉपर्टी जलकर खाक हो गई। सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। बड़ी तादाद में लोगों को गंभीर चोटें आईं। कई लोगों की मौत भी हुई।